‘पलटन’ में दिखेंगे 1967 के भारत-चीन युद्ध में इस्तेमाल हुए असली हथियार

फिल्ममेकर जेपी दत्ता युद्ध पर बनी फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने साल 1997 में बॉर्डर बनाई थी। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर सफलता के झंडे गाड़े थे। इसके 6 साल बाद उन्होंने फिल्म एलओसी कारगिल का निर्माण किया लेकिन ये फिल्म बॉर्डर की सफलता को दोहरा नहीं सकी। हालांकि 15 साल के लंबे अंतराल के बाद दत्ता एक बार फिर वॉर ड्रामा रच रहे है। जेपी की मल्टीस्टारर फिल्म पलटन जल्द ही सिनेमाघरों में दस्तक देने जा रही है।

जे पी ने इस फिल्म में असली हथियारों और बंदूकों का इस्तेमाल किया है। इन हथियारों को भारत की सेना ने 1967 के युद्ध में इस्तेमाल किया था। इन हथियारों को स्टोर किया गया था और जेपी ने खासतौर पर मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस से इन हथियारों को सोर्स कराया। उन्होंने कहा कि 1962 के युद्ध को चीन ने धूर्तता और छल कपट से जीत लिया था। 1967 में जब एक बार फिर हम चीनियों से नत्थू ला में आमने सामने हुए तो वो वक्त 62 में शहीद हुए हमारे सैनिकों का बदला लेने का था।

जेपी ने बताया कि ‘उस दौर के ज़माने को रिक्रिएट करने में काफी रिसर्च का सहारा लेना पड़ा। जेपी ने कहा कि वो एक बहुत अलग दौर था और आज की तुलना में उस दौर की फौज एकदम अलग तरह के हथियारों का इस्तेमाल करती थी। युद्ध के सीक्वेंस को एकदम असली दिखाने के लिए हमें सेना की मदद लेनी पड़ी। भारतीय आर्मी ने हमें असली हथियारों के साथ मदद की। हमने इस दौरान एमएमजी राइफल, एलएमजी राइफल, रॉकेट लॉन्चर, 393 राइफल का इस्तेमाल किया। इन हथियारों को सेना के जखीरे से निकाल कर खास तौर पर हमारे लिए सोर्स किया गया और इन हथियारों को पूरी निगरानी में इस्तेमाल किया गया था। इस दौरान एक आर्मी अफसर भी हमें गाइड कर रहे थे। फिल्म में वास्तविकता दिखाने के लिए रियल गन शॉट्स और फायर सीक्वेंस हैं। हमने इस फिल्म के युद्ध के सीन्स को लद्दाख, जम्मू और कश्मीर में फिल्माया है।

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