107 रोहिंग्या मुसलमान म्यांमा वापस भेजे गए
भारत सरकार ने म्यांमा से सटे गांवों में घुस आए 107 रोहिंग्या शरणार्थियों को पिछले दो दिनों में म्यांमा वापस भेजा है। मणिपुर के सीमावर्ती गांवों में लगातार हो रही घुसपैठ के मद्देनजर चौकसी बढ़ाई गई है। तीन गांवों में तलाशी अभियान के दौरान 265 संदिग्ध पकड़े गए थे। केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा भेजी गई सतर्कता वार्ता के आधार पर मणिपुर में चौकसी बरती जा रही है। वहां के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने गृह मंत्रालय को भेजी अपनी रिपोर्ट में ताजा हालात की जानकारी भेजी है। सीमा चौकियों पर तैनात सीमा सुरक्षा बल के जवानों को धूल और मिर्च के बुरादे भरे हुए विशेष ग्रेनेड दिए गए हैं। इन ग्रेनेड का इस्तेमाल रोहिंग्या घुसपैठियों पर किया जा रहा है।
भारतीय सुरक्षा बलों के तीन चौकियों (चेक पोस्ट) – जिरिबाम मुख, मोरेह और बिहांग पर चौकसी बढ़ा दी गई है। आसपास के गांवों में रोजाना तलाशी चल रही है। ये गांव म्यांमा के रखाइन प्रांत के नजदीक हैं। सुरक्षा बलों के ये दोनों पोस्ट असम के भी कुछ इलाकों को कवर करते हैं। 13 सितंबर के बाद से इन इलाकों में खास चौकसी बरतने का निर्देश गृह मंत्रालय ने जारी किया था। पिछले दो दिनों में 1211 घरों की तलाशी ली गई है। पनाह लेने वाले 265 संदिग्धों को पकड़ा गया और पुख्ता पहचान किए जाने के बाद 107 शरणार्थियों को वापस म्यांमा की सीमा में धकेल दिया गया।
म्यांमा से सटे जिले चारूचंद्रपुर के बीहांग इलाके में भारत-म्यांमा सड़क परियोजना का काम चल रहा है। वहां पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सीमा चौकियों पर चौकस सीमा सुरक्षा बल के जवानों को धूल और मिर्च के बुरादे से भरे ग्रेनेड दिए गए हैं। रोहिंग्या मुसलमान घुसपैठियों पर इन ग्रेनेड का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया गया है। शरणार्थियों को बगैर कोई शारीरिक नुकसान पहुंचाए वापस धकेले जाने का निर्देश है।