पाकिस्तान में भी याद किए गए अटल जी, शरीफ ने कहा था- आप यहां से भी जीत सकते हैं चुनाव
दिवंगत राजनेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी लोगों ने याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी है। भावी प्रधानमंत्री इमरान खान ने वाजपेयी के निधन पर गहरा शोक जताया है और उन्हें ट्रू स्टेट्समैन कहा है। वाजपेयी पाकिस्तान में भी उतने ही लोकप्रिय थे जितना वो भारत में थे। साल 1999 में जब वाजपेयी बतौर प्रधानमंत्री पाकिस्तान दौरे पर लाहौर गए थे तब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने उनसे कहा था कि आप यहां भी चुनाव जीत सकते हैं। पाकिस्तान के लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए उनकी तीन पाकिस्तान दौरों का भी उल्लेख किया है।
वाजपेयी पहली बार पाकिस्तान फरवरी 1978 में गए थे, जब वो विदेश मंत्री थे। उस वक्त पाकिस्तान में मोहम्मद जिया उल हक का सैन्य शासन था और प्रधानमंत्री जुल्फीकार अली भुट्टो सैन्य नजरबंदी में थे। अटल जी ने सैन्य शासक से मुलाकात की थी और भुट्टो को मिले फांसी की सजा पर टिप्पणी से इनकार कर दिया था। अटल जी के इस सहयोग से खुश होकर जिया उल हक ने भारत के तत्कालीन पीएम मोरारजी देसाई को पाकिस्तान का सर्वोच्च सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान देने का ऐलान किया था। हालांकि, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी उस वक्त जिया के खिलाफ बोलती थीं।
वाजपेयी जी मुशर्रफ के तानाशाही की आलोचना करते थे लेकिन जब मुशर्रफ पाकिस्तान के राष्ट्रपति बन गए तब उन्होंने सबसे पहले बधाई दी थी। साल 2001 में दोनों नेताओं ने आगरा में शिखर सम्मेलन किया था लेकिन दुर्भाग्यवश दोनों देश आगे नहीं बढ़ सके। वाजपेयी तीसरी बार पाकिस्तान दौरे पर जनवरी 2004 में गए थे जब सार्क देशों के सम्मेलन इस्लामाबाद में हो रहा था। उस वक्त वाजपेयी ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ से कश्मीर समेत अन्य मुद्दों पर बातचीत के लिए हामी भरी थी और कहा था कि सार्क सम्मेलन से इतर दूसरे मंच पर बातचीत हो सकती है। बाद में मनमोहन सिंह सरकार ने वाजपेयी की पाकिस्तान नीति को आगे बढ़ाया था।
बता दें कि गुरुवार (16 अगस्त,2018) को अटल बिहारी वाजपेयी का 94 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने शाम पांच बजकर पांच मिनट पर अंतिम सांस ली थी। शुक्रवार (17 अगस्त) को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके सम्मान में सरकार ने सात दिनों का राजकीय शोक घोषित किया है।