डीडीसीए में गहराता जा रहा विवाद: निलंबित सेक्रेटरी ने अध्यक्ष रजत शर्मा को बताया तानाशाह
मंगलवार को नए अध्यक्ष रजत शर्मा द्वारा जनरल सेक्रेटरी विनोद तिहारा को निंलंबित किए जाने के बाद दिल्ली और जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) में विवाद बढ़ता जा रहा है। अब तिहारा ने एक अध्यक्ष को पत्र लिखा है। अपने पत्र के माध्यम से तिहारा ने अध्यक्ष और डीडीसीए के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से कंपनी के नियम व कानून का पालन करते हुए सदस्यों के राज्य कार्यकारिणी बैठक बुलाकर हटाने को कहा। बता दें कि तिहारा को डीडीसीए की कार्यकारी समिति की बैठक में 15 में से 12 सदस्यों की सहमति के बाद निलंबित कर दिया गया था। तिहारा ने रजत शर्मा के अधिकारों को चुनौती दी थी।
हिन्दुस्तान टाईम्स के अनुसार, तिहारा कहा कि, “निर्वाचित सचिव की शक्तियों को बदल देना सत्ता का दुरुपयोग है। डीडीसीए के अध्यक्ष खुद अकेले फैसले ले रहे हैं। सचिव को किसी तरह की अहमियत ही नहीं दी जा रही है।” गौर हो कि तनाव की शुरुआत तब हुई थी जब तिहारा ने शिकायत की थी कि डीडीसीए में कुछ नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुमोदित लोढ़ा पैनल के सुझावों के सुझावों के खिलाफ थीं। उन्होंने पत्र में लिखा कि, “एक निर्वाचित सचिव जिसे कि 4300 पुराने सदस्यों की गवर्निंग बॉडी द्वारा नियुक्त किया गया था, उसकी शक्तियों को खारिज करना डीडीसीए के बोर्ड ऑफ डाॅयरेक्टर्स द्वारा उठाया एक अवैध कदम था।” तिहारा ने यह भी कहा कि नवनियुक्त अध्यक्ष के अपराधों पर सवाल पूछना उनका मूल अधिकार था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के खिलाफ स्पष्ट रूप से कदम उठाए गए थे।
वे आगे लिखते हैं कि, “सुप्रीम कोर्ट के आदेश के उल्लंघन और गलत कामों के खिलाफ सवाल उठाना मेरा अधिकार है। कोई भी असंतोषजनक और संदिग्ध तरीके से अध्यक्ष द्वारा किए गए काम को पर्दाफाश करने के मेरे इस अधिकार को नहीं छीन सकता है। अध्यक्ष ने बताया कि एक व्यक्ति / अध्यक्ष के पास अनजान शक्तियां हैं। लेकिन, एक व्यक्ति जो भ्रष्टाचार से लड़ने और सुशासन देने के बारे में गंभीर है, को भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग को रोकने के लिए ढांचे को मजबूत करना चाहिए।” तिहारा ने बीसीसीआई की बैठकों के लिए डीडीसीए प्रतिनिधि के रूप में अपना नाम देने के लिए अध्यक्ष के कदम पर भी सवाल उठाया। वे यह भी मानते हैं कि लोढा पैनल की सिफारिशों को ध्यान में रखे बिना नई नियुक्तियां की गई हैं। तिहारा ने आगे कहा जब तक उन्हें कंपनी के नियमों के अनुसार नहीं हटाया जाता, वे सचिव के रूप में अपना काम जारी रखेंगे।