छपाई वाले परिधान में नई धज

फैशन में लोगों की पसंद के अनुसार रुझान बदलते रहते हैं। मौसम के मुताबिक भी पहनावे में रंग और बनावट बदलते रहते हैं। इन दिनों पहनावे में प्रिंट यानी छपाई वाले कपड़ों का चलन है। इसके साथ-साथ अब बैग, जूते-चप्पल और परिधान के साथ इस्तेमाल होने वाली दूसरी सामग्री भी छापेदार उपयोग में लाई जाने लगी है। छापे के नए चलन के बारे में बता रही हैं अनुजा भट्ट।

मौसम के हिसाब से इन दिनों फैशन में सबसे ज्यादा चलन प्रिंट का है। प्रिंट अपने रंगों और डिजाइन में सभी को लुभा रहा है। फिर चाहे वह परंपरागत परिधान हो, जूते-चप्पल बैग या फिर टाई। एक तरफ रंग-बिरंगे फूल हैं, तो विदेशी प्रिंट पर भी फैशन प्रेमियों की नजर है। डिजाइनर कहते हैं कि फैशन में प्रिंट का प्रयोग न करना ठीक वैसे ही है जैसे केक में चीनी का इस्तेमाल न करना। यानी बिना प्रिंट के फैशन फीका-फीका लगेगा। इसलिए दुनिया भर के डिजाइनर प्रिंट पर खासतौर से ध्यान देते हैं।
फैशन में इन दिनों ‘देखो, पसंद करो और अपने मन मुताबिक डिजाइन करवा कर पहनो’ का चलन है। हर तरह के डिजाइन तक आम आदमी की पहुंच बन गई है। महानगर से लेकर गली-मोहल्ले तक में डिजाइनर हैं जो आपसी पसंद से डिजाइन बना रहे हैं। फैशन में इन दिनों आपको अस्सी के दशक की याद दिलाते प्रिंट नजर आएंगे। फैशन को समझने के लिए अस्सी के दशक की फिल्में देखिए।

बिंदुओं वाले डिजाइन
प्रिंट में लंबी-लंबी पट्टियों, लाइनों के साथ और भी तरह के डिजाइन देखने कोे मिल रहे हैं। इस तरह के डिजाइनों में बिंदुओं का भी इस्तेमाल कई तरह से किया जाता है। बिंदुआें की सहायता से कई तरह के डिजाइन बनाए जा सकते हैं। अफ्रीकी प्रिंट में इस तरह के कई प्रयोग होते हैं।  स्ट्रिप्स (पट्टियां) का मतलब है कि निश्चित प्रकार की संख्या में एकदम बराबर-बराबर के स्पेस में प्रिंट होना। बहुत सारे रंगों और आकृतियों में डिजाइनर अपने तरीके से बदलाव कर लेते हैं। और जब बात फूलों की हो तो हर किसी के फूल आकर्षित करते हैं, लेकिन फूल के साथ-साथ नारे (स्लोगन का प्रयोग) करते हैं। ये नारे कई तरह के संदेश देते हैं। आजकल मदर्स डे, फादर्स डे जैसे खास दिनों के प्रिंट और एक ही रंग वाले परिधान का मौसम है जिसे लोग उत्सव के मौके पर पहनते हैं। मदर्स डे, फादर्स डे के मौके पर आपने ऐसी टीशर्ट जरूर देखी होंगी।

2017 के फैशन संग्रह में यह बात स्पष्ट है कि लंबी धारियां या चैक का प्रिंट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छाया रहा। गहरे रंगों में काला और धूसिया रंगों की जगह शरबती और इंद्रधनुषी रंगों ने ले ली है। इन रंगों में सजे प्रिंट आपको सब जगह दिखाई देंगे, चाहे आप मॉल में खरीदारी कर रहे हों या फिर समुद्र किनारे घूम रहे हों। गर्मियों की धूप से बचने के लिए किसी रिजार्ट में ही क्यों ना बैठे हों। इंद्रधनुषी रंगों में भी पट्टियां अपना रंग जमाती हैं। यहां तक कि बुनाई किए गए कपड़ें में भी पट्टियों का प्रयोग किया जा रहा है। बुनाई किया हुआ यह कपड़ा मैक्सी ड्रेस में सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। लंबी लहरदार स्कर्ट या घाघरे में भी यह प्रिंट दिखाई दे रहा है।

प्रिंट वाले पजामे
फैशन में इन दिनों पजामा पार्टी की डिमांड ज्यादा है। पजामे का स्टाइल वही पुराना है। पर अब यह अलग-अलग तरीके के प्रिंट में दिखाई दे रहा है। पहनने में यह आरामदायक है। इसलिए यह फैशन में शामिल हो गया है। किशोरों से लेकर नौजवान तक इसे पहन रहे हैं। पजामे को आप छोटा या बड़ा कर अपनी सुविधानुसार पहन सकते हैं। थीम के साथ ही साथ डिजाइनर की नजर टीवी पर दिखाए जा रहे कार्टून पर भी हैं। छपाई वाले डिजाइन के इस फैशन के लिए गिंगहेम पैटर्न शब्द का प्रयोग किया जाता है, जिसका अर्थ है छींटदार सूती कपड़ा या रंगीन सूत का बुना हुआ धारीदार कपड़ा। यह बैगनी लाल और नारंगी रंग में ज्यादा डिजाइन किया जा रहा है। पॉप संस्कृति का प्रभाव फैशन पर दिख रहा है।

बाघ और चीता फैशन में
बदलते फैशन का असर आजकल पार्टियों में भी दिखाई देने लगा है। इसी चलन में आजकल पार्टियों या अन्य समारोहों में पहनी जाने वाली ड्रेसेज के लिए एनिमल प्रिंट यानी चितकबरे से मिलते हुए रंग और डिजाइन खासतौर पर पसंद किए जा रहे हैं। केवल परिधानों में ही एनिमल प्रिंट का चलन हो, ऐसा नहीं। फैशन डिजाइनरों के अनुसार एनिमल प्रिंट में जिन रंगों का प्रयोग किया जाता है, उसमें धारियां व धब्बे तो काले या भूरे रंग के ही होते हैं। हां, बेसिक रंग अलग-अलग रुचि के अनुसार हो सकते हैं। सफेद, पीला- इस तरह के प्रिंट आकर्षक, सजीले और दिलकश नजर आते हैं। किशोरों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय बाघ और चीता प्रिंट है आजकल कॉटन, मटका सिल्क, शिफॉन, कोसा और अन्य सिंथेटिक क्लॉथ पर। डिजाइनरों का कहना है कि वैश्वीकरण के कारण हॉलीवुड में चलने वाला फैशन बड़े शहरों के माध्यम से जल्दी ही छोटे-छोटे शहरों तक पहुंच जाता है। यही वजह है कि किशोरों को एनिमल प्रिंट काफी पसंद आ रहे हैं। साधारण कपड़ों को वन्यजीवों की खाल के डिजाइन का रूप देते हुए फैशन डिजाइनरों ने एनिमल प्रिंट को पार्टी की शान बना दिया है। इन दिनों जंगल के राजा बाघ की धारियां, सांप पर पड़ी धारियां, चीते के डिजाइन पसंद किए जा रहे हैं। एनिमल प्रिंट का ज्यादातर इस्तेमाल लेगिंग के लिए किया जा रहा है। इसके साथ ही टॉप थोड़ा लंबा होना चाहिए। छोटे टॉप लेगिंग के साथ अच्छे नहीं लगते। आप इनके साथ ट्यूनिक या जैकेट के साथ लंबा कुर्ता भी पहन सकती हैं।

ब्लॉक प्रिंट
ब्लॉक प्रिंट का आजकल काफी चलन है। खासकर साड़ी और सूट में ब्लाक प्रिंट में कई डिजाइन देखे जा सकते हैं। बाटिक प्रिंट भी सदाबहार है। सूती कपड़े पर बाटिक प्रिंट बहुत सुंदर लगता है। आप जो चाहे बनवा सकते हैं। पर्दे से लेकर चादर, कुशन कवर, सूट, साड़ी कुछ भी। पार्टीवियर के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले कपड़े सिर्फ फैब्रिक के मामले में ही नहीं, बल्कि डिजाइन और रंगों के मामले में भी कुछ खास होते हैं। ऐसे अवसरों पर पहने जाने वाले ये प्रिंट जींस-शर्ट, साड़ियों, सलवार-कमीज, कोट, जैकेट, ट्राउजर, बरमूडा, कैप, बैग, स्कर्ट-टॉप, स्टोल आदि सभी में समान रूप से लोकप्रिय हैं।

पोल्का डॉट पैटर्न
इन दिनों यह काफी पसंद किया जा रहा है। पर्स, फुटवियर, चश्मे, स्कार्फ, टीशर्ट व दूसरे परिधानों से लेकर फ्लावर वाज व बेडशीट्स तक में पोल्का डॉट्स पैटर्न हिट है। यह पैटर्न वैसे तो पहले भी काफी लोकप्रिय रहा है। पर इस बार बाजार में मौजूद स्मार्ट लेदर एक्सेसरीज में पोल्का डॉट्स प्रिंटी खिलकर आया है। जैसे ब्राउन लेदर के पर्स में रेड पोल्का डॉट्स का लुक ही अलग लगता है। यही नहीं नेल आर्ट में भी युवतियों को यह पैटनर्खूब लुभा रहा है। ड्रेस का कलर कोई भी हो उसकी मैचिंग के डॉट्स वाली नेल आर्ट अच्छी लगती है । इस तरह देखें तो हर लिहाज से आकर्षण बिखेरता है यह पैटर्न। आप किस रूप में शामिल करना चाहती हैं इसे अपने स्टाइल व ड्रेसिंग में, यह खुद तय करें।

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