पाक आर्मी चीफ से गले मिलने, PoK राष्ट्रपति के बगल में बैठने पर सिद्धू ने भारत आकर दी सफाई
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की आलोचना रुकने का नाम नहीं ले रही। पाकिस्तान के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के गले लगने और पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के राष्ट्रपति मसूद खान के बगल में बैठने को लेकर लोग उन्हें कोस रहे हैं। भारत लौटकर उन्होंने इन्हीं मामलों पर सफाई दी है। सिद्धू ने कहा है कि वे (पाकिस्तान में) लोग उनके साथ सम्मान और आदर के साथ पेश आए। ऐसे में वह भी वैसा न करते तो क्या करते?
सिद्धू ने इस बारे में न्यूज एजेंसी एएनआई से बात की। पाक सेना प्रमुख से गले मिलने के सवाल पर उन्होंने बताया, “अगर कोई (बाजवा) मेरे पास आए और कहे- हम भी उसी संस्कृति के हैं। हम गुरुनानक देव के 550वें प्रकाश पर्व पर करतारपुर बॉर्डर को खोल देंगे, तब मैं क्या करता?”
वहीं, पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के राष्ट्रपति मसूद खान के बगल में बैठने के बारे में पूछा गया तो कांग्रेसी नेता बोले, “अगर कहीं आपको सम्मान के साथ मेहमान के तौर पर बुलाया जाए तो आप वहीं बैठेंगे, जहां आपसे कहा जाएगा। मैं कहीं और बैठा हुआ था, मगर उन लोगों ने मुझे वहां बैठने के लिए कहा था।”
बता दें कि शनिवार (18 अगस्त) इमरान खान का शपथ ग्रहण समारोह थे। कार्यक्रम के लिए उनकी पार्टी ने सिद्धू समेत तीन भारतीय क्रिकेट दिग्गजों को न्योता भेजा था। अकेले सिद्धू ही थे, जो इस्लामाबाद पहुंचे। समारोह में उनकी मुलाकात बाजवा से हुई थी, जहां वे एक-दूजे के गले लगे थे। भारत में इसी को लेकर सिद्धू की जमकर आलोचना हो रही थी।
कांग्रेसी नेता ने इससे पहले एक चैनल को बताया था, “पहली पंक्ति में बैठे मेहमानों को पाकिस्तान की तीनों सेनाओं के प्रमुखों से मिलावाया जाना था। तभी सेना प्रमुख बाजवा मेरे पास आए। हम दोनों के बीच हल्की-फुल्की बाचतीत हुई। बाजवा बोले, “मैं जनरल हूं, जो क्रिकेटर बनना चाहता था।” आगे गंभीर विषयों पर आते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि हम (पाक) शांति चाहते हैं।