पाकिस्तान में सेना प्रमुख से गले मिलने का मामला: अमरिंदर सिंह ने कहा, सिद्धू का स्नेह दिखाना गलत था

पूर्व क्रिकेटर और पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तान के सेना प्रमुख से गले मिलने के प्रकरण पर विवाद बढ़ गया है। इमरान खान के प्रधानमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होकर सिद्धू रविवार को अटारी के रास्ते भारत लौट आए। आते ही उन्हें पंजाब समेत देश भर में विरोध-प्रदर्शनों का सामना करना पड़ा। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अपने मंत्रिमंडल के सहयोगी सिद्धू के कृत्य को गलत करार दिया। उन्होंने चंडीगढ़ में पत्रकारों से कहा, ‘मुझे लगता है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख के लिए उन्होंने जो स्नेह दिखाया, वह उनके लिए गलत था।’ अमरिंदर सिंह ने सिद्धू के पाकिस्तान जाने के प्रकरण से पंजाब सरकार और कांग्रेस पार्टी को अलग करते हुए कहा कि वे व्यक्तिगत तौर पर पाकिस्तान गए थे।

उधर, सिद्धू ने लौटते ही इस मुद्दे पर सफाई दी है। उन्होंने अपना बचाव करते हुए कहा, ‘अगर कोई कहे कि हमारी संस्कृति एक है और ऐतिहासिक गुरुद्वारा करतारपुर साहिब का रास्ता खोलने की बात करे तो मुझे क्या करना चाहिए था?’ पाकिस्तान में क्रिकेटर से नेता बने और प्रधानमंत्री चुने गए इमरान खान के न्योते पर सिद्धू उनके शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने गए थे। समारोह के दौरान वे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के प्रमुख मसूद खान के बगल वाली सीट पर बैठे और पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को गले लगाते दिखाई दिए।

सिद्धू ने अपना बचाव करते हुए पूछा, ‘अगर कोई (पाक सेना प्रमुख) मेरे पास आता है और कहता है कि हमारी संस्कृति एक है और हम पहले सिख गुरु, गुरु नानक देव की 550वीं जयंती पर पाकिस्तान में गुरुद्वारा करतारपुर साहिब का मार्ग खोलेंगे तो मैं क्या कर सकता था?’ पीओके प्रमुख के बगल में बैठने के मुद्दे पर कांग्रेस नेता ने जवाब दिया, ‘अगर आपको कहीं सम्मान स्वरूप अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया जाता है तो आप वहीं बैठते हो जहां आपको कहा जाता है। मैं कहीं और बैठ सकता था, लेकिन उन्होंने मुझे वहां बैठने के लिए कहा।’

दूसरी ओर, पाकिस्तान की जेल में मार डाले गए भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की बहन दलबीर कौर ने सोमवार को सिद्धू पर प्रहार करते हुए कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होकर उन्होंने देश के ऊपर दोस्ती को तवज्जो दी है। वे पाकिस्तान की जेल में 2013 में मौत का शिकार हुए सरबजीत सिंह की बहन हैं। अमृतसर में रह रहीं कौर ने कहा, ‘इमरान खान की प्रशंसा करने के अलावा सिद्धू ने कहा कि ‘हिंदुस्तान जीवे ते पाकिस्तान जीवे, हसदा वसदा सारा जहान जीवे (भारत, पाकिस्तान और पूरी दुनिया में समृद्धि आए)।

पाकिस्तान की धरती पर ऐसे उद्गार व्यक्त करने से पहले सिद्धू को यह सोचना था कि क्या पाकिस्तान के नेता, कलाकार या खिलाड़ी भारतीय धरती पर भारत के लिए इस तरह की भावना जताते हैं।’ सिद्धू के खिलाफ भाजपा और अकाली दल भी सक्रिय हो गया है। ‘पगड़ी संभाल जट्टा’ नाम के एक संगठन के कुछ कार्यकर्ताओं ने उस समय सीमा के नजदीक प्रदर्शन किया जब सिद्धू पाकिस्तान से लौटे। कार्यकर्ताओं ने सिद्धू के खिलाफ नारेबाजी की और उन्हें काले झंडे भी दिखाए।

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