जैन संत को कंधा देने और मुखाग्नि के लिए लगी बोलियां, 1.94 करोड़ की बोली लगा संत को दी मुखाग्नि


राजस्थान के पाली में जैन संत रूपमुनि के अंतिम संस्कार के दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु जुटे। उन्हें नम आंखों से विदाई दी। सबसे बड़ी बात यह रही कि अंतिम संस्कार के दौरान संत के पार्थिव शरीर को कंधा देने से लेकर मुखाग्नि तक के लिए भक्तों ने करोड़ोंं की बोली लगाई। इस दौरान करीब 8 करोड़ रुपये की बोली लगी। सबसे अधिक एक भक्त ने 1.94 करोड़ रुपये की बोली लगा संत को मुखाग्नि दी। रविवार दोपहर एक बजे संत सुकनमुनि और अमृतमुनि के देखरेख में संत रूपमुनि का अंतिम संस्कार किया गया। गौरतलब है कि 90 वर्षीय श्वेतांबर जैन संत रूपमुनी ने शुक्रवार की देर रात अहमदाबाद में अंतिम सांस ली थी। तबीयत खराब होने की वजह से अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।

राजस्थान के नाडोल में जन्मे रूपमुनि ने महज 14 वर्ष की उम्र में जोधपुर के मरुधर केसरी प्रवर्तक मिश्रीमल महाराज के सानिध्य में दीक्षा ग्रहण की थी। राजस्थान में गोसंरक्षण के लिए काफी काम किया था। समाज के सभी वर्गों के बीच उन्हें सम्मान प्राप्त था। यही वजह रही कि उनकी अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ पड़ा। जगह जगह गुलाल उड़ाई गई। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने भी शोक जताते हुए कहा कि, “रूपमुनि महाराज ने भगवान महावीर के सत्य और अहिंसा के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के साथ अस्पतालों और धर्मशालाओं का निर्माण करवाया। सामाजिक बुराइयों और कुरीतियों को दूर करने में अहम भूमिका निभाई।”

बता दें कि जैन समुदाय अपने संतों की अंतिम विदाई को एक बड़ा अवसर मानते हैं। शायद यही वजह है कि कई बड़े संतों के अंतिम संस्कार में बड़ी बोली लगाई जाती है। वर्ष 2016 में मुंबई में संत प्रेमसूरजीस्वामी के अंतिम संस्कार के लिए 11 करोड़ की बोली लगाई थी। इससे पहले मध्य प्रदेश में जैन समुदाय के संत मदविजय के अंतिम संस्कार में 7 करोड़ की बोली लगी थी। ये सभी पैसे जनहित के कार्यों में खर्च किए जाते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *