यूपी: हाथ में लोटा और खुरपी लेकर शौच को जाते हैं गांववाले, गड्ढा खोदकर भर देते हैं ताकि टारगेट पूरा हो सके

उत्तर प्रदेश के एक गांव में शाम के छह बजते ही लोग एक हाथ में पानी की बोतल-लोटा और दूसरे हाथ में कुदाल या खुरपी लिए नजर आए। ये वे लोग थे जो कि अपने गांव को स्वच्छ रखने के लिए खुले में शौच के कारण होने वाली गंदगी दूर करना चाहते हैं। लोग खुदाई करने वाला कोई भी औजार लेकर शौच के लिए निकलते हैं ताकि गांव में टॉयलेट न होने के कारण खुले में शौच करने के बाद उसे गड्ढा कर उसमें दबा सकें। खुदाई करने वाला औजार इन ग्रामीणों की अब रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल हो गया है क्योंकि खुदाई कर शौच को उसमें दबाकर ग्रामीण अपने गांव को खुले में शौच से मुक्त करना चाहते हैं।

यह मामला पीलीभीत जिले के सिरसा सरदाह सहराई गांव का है। सूबे के मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना है कि वे राज्य को अक्टूबर 2018 तक खुले में शौच से मुक्त कराएंगे। जिला स्तर के सभी अधिकारियों को इस टारगेट को पूरा करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। जिला में करीब 1.33 लाख शौचालयों की कमी है और अधिकारियों को इन शौचालयों को बनाने के लिए डेडलाइन तक कार्य पूरा करना होगा। स्वच्छ भारत अभियान को पूरा करने के लिए सभी गांव के लोगों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने साथ खुदाई करने का औजार लेकर जाएं ताकि शौच के बाद वे उसे मिट्टी में दबा दें।

सिरसा सरदाह सहराई गांव की बात करें तो यहां पर करीब 102 घर हैं और आबादी करीब 500 है लेकिन 10 घरों से ज्यादा किसी भी घर में शौचालय नहीं हैं। इस गांव के निवासी 60 वर्षीय नारायण ने कहा कि अधिकारियों की कुछ समय पहले एक टीम आई थी उन्होंने हमें समझाया कि घर में शौचालय नहीं बनवा सकते तो शौच करके उसे मिट्टी में खुदाई करके ढ़क दो। यह बहुत ही शर्मनाक है लेकिन जब से हमें कुदाल लेकर जाने के लिए कहा गया है तब से हम ये कर रहे हैं।

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