दिल्ली में रद्द हुए 2.9 लाख राशन कार्ड, केजरीवाल सरकार ने बताया लोगों के हितों के खिलाफ गंभीर मामला

दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया है कि खाद्य आयुक्त मोहनजीत सिंह ने बिना उचित निरीक्षण के 2.9 लाख से ज्यादा राशन कार्ड रद्द करने का फैसला किया है। इसके बाद आप सरकार और नौकरशाही के बीच खींचतान का एक और चरण शुरू हो सकता है। सरकार के आरोप का खंडन करते हुए सिंह ने कहा कि ‘कानून की वाजिब प्रक्रिया’ के बाद 2.48 लाख ‘अयोग्य’ राशन कार्ड धारकों को हटाया गया है। राशन कार्ड रद्द करने का मुद्दा कुछ वक्त से राजनीतिक नेतृत्व और नौकरशाही के बीच विवाद का मुद्दा रहा है। अप्रैल में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन ने आरोप लगाया था कि सिंह बिना उचित सत्यापन के तीन लाख राशन कार्ड रद्द करने पर तुले हुए हैं।

मई में, हुसैन ने सिंह को खत लिखकर उन्हें निर्देश दिया था कि उन लोगों की राशन आपूर्ति बहाल की जाए जिन्हें जनवरी से मार्च तक राशन नहीं मिला है। विभाग ने उन लोगों को राशन देना बंद कर दिया था जिन्होंने तब तक खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारियों से खुद का सत्यापन नहीं कराया था। आज सिंह ने कहा कि जन वितरण प्रणाली को स्वच्छ किया गया है और करोड़ों रुपये के राशन को चोरी से बचाया गया है।

सरकार ने कहा कि हुसैन की कड़ी आपत्ति के बावजूद सिंह ने यह फैसला किया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खाद्य आयुक्त के फैसले पर कड़ी नाराजगी जताई है और उनकी सरकार ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई को लेकर चेताया है। सरकार ने एक बयान में कहा कि ये अधिकारी निर्वाचित सरकार को रिपोर्ट नहीं करते हैं। ये दिल्ली के लोगों के हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं जो एक गंभीर मामला है।

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