काशी विश्वनाथ मंदिर में शुरू हुई वीआईपी दर्शन की व्यवस्था, करा सकते हैं 300 रुपये में ऑनलाइन बुकिंग
उत्तर प्रदेश में काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए देश-विदेश से आने वाले श्रद्घालुओं के लिए अब यहां भी वीआईपी दर्शन की व्यवस्था शुरू हो चुकी है। मंदिर प्रशासन के मुताबिक, महज 300 रुपये में कोई भी व्यक्ति बिना लाइन में लगे बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर सकता है। इसके लिए ऑनलाइन बुकिंग की शुरुआत हो चुकी है। मंदिर प्रशासन से जुड़े सूत्रों की माने तो काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए देश ही नहीं विदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्घालु आते हैं। उन्हें भी दर्शन के लिए लंबी कतारों में लगना पड़ता था। भक्तों को लाइन में लगे बगैर सहजता से दर्शन के लिए मंदिर प्रशासन ने वीआईपी दर्शन की कार्ययोजना को अंतिम रूप दे दिया है और इसकी शुरुआत भी कर दी गई है।
काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह के मुताबिक, “देश-विदेश में बैठा कोई भी शिवभक्त 300 रुपये में ऑनलाइन बुकिंग करा सकता है। प्रति व्यक्ति के हिसाब से यह टिकट मान्य होगा। टिकट पर दर्शन की तारीख और समय अंकित रहेगा। इसके लिए मंदिर के नीलकंठ द्वार पर एक हेल्प डेस्क भी बनाया गया है। यहां से भी ऑनलाइन बुकिंग कराई जा सकती है।”
आनॅलाइन बुकिंग कराने वाले भक्तों को नीलकंठ द्वार गेट नम्बर तीन से प्रवेश मिलेगा। यहां हेल्प डेस्क पर मंदिर के कर्मचारी उपस्थित रहेंगे और उन्हें अपना टिकट दिखाने पर टिकट के कोड को चेक किया जाएगा। इसके बाद दर्शनार्थी को एक व्यक्ति उपलब्ध कराया जाएगा, जो मंदिर के गर्भगृह के उत्तरी गेट से प्रवेश कराकर उसे दर्शन-पूजन कराएगा। दर्शन के बाद पश्चिमी गेट से मंदिर से बाहर निकलना होगा।
इस दौरान दिव्यांगों एवं बुजुर्गो का भी खास ख्याल रखा जाएगा। उनके लिए व्हीलचेयर की व्यवस्था कराई जाएगी। हालांकि, इसके अलावा काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए वाराणसी पुलिस की तरफ से भी एक वेबसाइट ‘महादेवदर्शन डॉट ओआरजी’ की शुरुआत की गई है। इस वेबसाइट पर पंजीकरण कराकर अपने समय के अनुसार दर्शन किया जा सकता है।
एसपी (सुरक्षा) शैलेंद्र कुमार राय ने बताया, “वेबसाइट पर पंजीकरण कराकर दर्शन किया जा सकता है। इसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। पंजीकरण कराने वाले को दत्ताद्वार से प्रवेश दिया जाएगा और उनकी लाइन अलग होगी। हालांकि, अभी यह वेबसाइट प्रयोग के तौर पर शुरू की गई है। सफल होने पर इसे आगे नियमित किया जाएगा।”