भाईचारे की मिसाल: इस मस्जिद में हिंदुओं के साथ मिल कर ईद मना रहे मुसलमान
ईद का शाब्दिक अर्थ है ‘खुशी’, इस खुशी को बांटने और भाईचारे की मिसाल देने का काम कुदरत के कहर का दंश झेल रहे बाढ़ पीड़ित कर रहे हैं। केरल के मलप्पुरम में मुसलमान सांप्रदायिक सौहार्द की बानगी पेश करते हुए बकरीद (ईद-उल-अजहा) मना रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बाढ़ के कारण नीलांबुर में राहत शिविर में तब्दील हुई एक मस्जिद में बकरीद की पूर्व संध्या मंगलवार (21 अगस्त) को एकजुटता का संदेश देने के लिए नमाज अता की गई। स्थानीय मीडिया के मुताबिक मस्जिद में करीब सवा सौ लोगों ने शरण ली है, जिनमें दर्जन भर के करीब हिंदू परिवार शामिल हैं। शरणार्थियों का कहना है कि उनके लिए इस बार की ईद अलग मायने रखती है क्योंकि मस्जिद में मौजूद गैर मुसलमान भी ईद में शरीक हैं। शरणार्थियों का कहना है कि हो सकता है कि बाढ़ के सैलाब में उनके घर और सारा साजो-सामान बह गया हो लेकिन वे संकट के समय एकसाथ ईद मनाकर एकता का संदेश दे रहे हैं।
स्थानीय मीडिया के अनुसार मलप्पुरम में बाढ़ और भूस्खलन ने सबसे ज्यादा तबाही आदिवासी कॉलोनियों में मचाई है। इलाके में 6 की मौत हो गई है। जिले में 36 आदिवासी कॉलोनियां बताई जा रही है जिनमें से साढ़े नौ सौ के करीब लोगों ने राहत शिविरों की शरण ली है और उनमें से ज्यादातर दिहाड़ी मजदूर हैं। बता दें कि एक तरफ संकट के समय देश के एक छोर से शांति और सौहार्द के साथ ईद मनाने की खबर है तो वहीं देश के शीर्ष छोर कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर से बकरीद के मौके पर हिंसा की खबरें आ रही हैं।
राजधानी श्रीनगर, अनंतनाग और कुलगाम में पत्थरबाजी और देश विरोधी घटनाओं को अंजाम देते हुए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को निशाना बनाया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बकरीद की नमाज के बाद श्रीनगर के ईदगाह इलाके में प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान और खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के झंडे लहराते हुए पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की और पत्थरों से निशाना बनाया। अनंतनाग में पुलिस की गाड़ी पर पत्थर बरसाए गए। जजरीपोरा में ईदगाह के बाहर आतंकियों ने एक पुलिसवाले की गोली मारकर हत्या कर दी।