राजस्थान: जीत के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही भाजपा, अब हो रही अर्द्ध पन्ना प्रमुखों की नियुक्ति
साल 2019 से पहले राजस्थान में विधानसभा के चुनाव होने हैं। सत्ता विरोधी लहर और कांग्रेस के पक्ष में आ रहे संकेतों ने भाजपाई खेमे को परेशान जरूर किया है। शायद यही कारण है कि भाजपा फिर से अपनी सबसे बड़ी ताकत बूथ मैनेजमेंट पर भरोसा जता रही है। पार्टी की ‘पन्ना प्रमुख’ नियुक्त करने की रणनीति से एक कदम आगे बढ़ते हुए भाजपा ने राजस्थान में अर्ध पन्ना प्रमुख नियुक्त करने का फैसला किया है।
न्यूज 18 में प्रकाशित खबर के अनुसार, वोटर लिस्ट के हर पन्ने में आगे और पीछे दोनों ही तरफ नाम लिखे होते हैं। भाजपा अब इन पन्नों के हर तरफ की जिम्मेदारी के लिए प्रमुख की नियुक्ति करेगी। इससे काम बेहद आसान हो जाएगा और हर वोटर तक पहुंच सुनिश्चित की जा सकेगी। भाजपा ने ये रणनीति इससे पहले उत्तर प्रदेश, गुजरात और उत्तर पूर्वी राज्यों में भी इस्तेमाल की थी। इसके नतीजे हमेशा ही बेहतर आए हैं।”
भाजपा का मानना है कि पन्ना प्रमुख की रणनीति उन राज्यों में सर्वाधिक कारगर साबित होती है जहां भाजपा सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रही हो। इसीलिए पार्टी को इस रणनीति पर भरोसा है। वहीं भाजपा ने 4.3 करोड़ केन्द्रीय और राज्य सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों को भी चिन्हित किया है। अर्ध पन्ना प्रमुख इन लाभार्थियों पर अपना विशेष ध्यान केन्द्रित करेंगे।
‘पन्ना प्रमुख’का विचार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की देन है। दरअसल हर विधानसभा क्षेत्र में कई बूथ होते हैं। हर पोलिंग बूथ की अपनी वोटर लिस्ट होती है। इन वोटर लिस्ट में कई पन्ने होते हैं। हर पन्ने में कम से कम 20—30 मतदाताओं के नाम होते हैं। विचार ये है कि वोटर लिस्ट के हर पेज के वोटरों को मनाने की जिम्मेदारी भाजपा के किसी कार्यकर्ता को दी जाए और उसे ही बीेजेपी में पन्ना प्रमुख कहा जाता है।
पन्ना प्रमुखों की ये जिम्मेदारी होती है कि वे अपने पेज के हर वोटर के संपर्क में रहें और वोटिंग से पहले पार्टी के हर संदेश को उन लोगों तक पहुंचाते रहें। वोटिंग के दिन पन्ना प्रमुख ये सुनिश्चित करते हैं कि उनके पेज से जुड़े सभी लोगों को पोलिंग बूथ तक पहुंचने में कोई समस्या न हो। ये बड़ा भारी काम है और इसका प्रबंधन करना कतई आसान नहीं है। लेकिन ये एक मास्टर स्ट्रोक था। जिसे खेलकर भाजपा को हर बार सफलता मिली है।