बरेली में कांवड़ यात्रा को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद में 750 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज


उत्तर प्रदेश के बरेली में कांवड़ यात्रा को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद हो गया है। इस मामले में पुलिस ने कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने पर 750 लोगों के खिलाफ बलवा फैलाने और धारा 144 के उल्लंघन के आरोप में केस दर्ज किया है। एसपी सिटी ने बताया कि बरेली के बिथरी चैनपुर थाना क्षेत्र में कांवड़ यात्रा निकालने पर दो समुदाय आमने-सामने आ गए। यहां खजुरिया गांव के बाहर कुछ लोगों ने हूटिंग की और माहौल खराब करने की कोशिश की। इसपर पुलिस ने कानूनी कार्रवाई करते हुए लाठी फटकार कर दोनों पक्षों को किसी तरह से शांत कराया। एसपी के मुताबिक मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जानकारी के मुताबिक कुछ लोग खजुरिया गांव में कांवड़ यात्रा निकालने की बात पर अड़े हैं जबकि गांव मुस्लिम बहुल होने की वजह से स्थानीय लोग कांवड़ यात्रा नहीं निकलवाना चाहते। दोनों पक्षों की इस तकरार से मामला काफी तनावपूर्ण हो गया। हालांकि प्रशासन दोनों पक्षों को शांत कराने की कोशिश में जुटा है।

यह है पूरा मामला
सावन के दूसरे सोमवार से एक दिन पहले बिथरी चैनपुर के खजुरिया गांव में करीब 50 कांवड़ियों का झुंड बदायूं के कछला घाट जल लेने जा रहा था। जानकारी के मुताबिक सभी मुस्लिम बहुल उमरिया होते हुए कछला जल लेने जाते। मग उमरिया गांव के लोगों ने इस दौरान कांवड़ यात्रा का विरोध किया। इससे विवाद काफी बढ़ गया और विरोध में लोग सड़कों पर आकर जमा हो गए। इसपर आनन-फानन में डीएम ने कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी। बाद में भाजपा विधायक विवाद में कूद गए और कांवड़ यात्रा को उमरिया गांव से ही निकालने की बात कही।

न्यूज 18 की खबर के मुताबिक विधायक राजेश मिश्रा ने कहा कि हर कीमत पर कांवड़ यात्रा वहीं से निकलेगी। विधायक के समर्थन के बाद लोग धरने पर बैठ गए जिससे पूरे गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया। गांव आने-जाने वाले हर रास्त को पुलिस ने बंद कर दिया। बाद में विवाद तब और बढ़ गया जब विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष पवन अरोड़ा कार्यकर्ताओं संग मुस्लिम बहुल गांव में पहुंच गए। यहां कार्यकर्ताओं ने धरना शुरू कर दिया। इससे दोनों समुदाय के लोग एक बार फिर सड़कों पर आ गए।

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