सुषमा स्‍वराज के भाषण पर मशहूर इतिहासकार ने तंज कसा, जवाब मिला- नाम ‘राम’ रख लेने से ही सबकुछ नहीं होता

मशहूर इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के भाषण पर तंज कसते हुए लिखा है कि सुषमा स्वराज ने आईआईटी और आईआईएम के लिए वेदों को श्रेय नहीं दिया। सोशल मीडिया ट्विटर पर उन्होंने लिखा है, “मुझे खुशी है कि @सुषमा स्वराज ने आईआईटी और आईआईएम के बारे में पूरी दुनिया को बताया; और बहुत राहत मिली कि उसके लिए उन्होंने वेदों को श्रेय नहीं दिया।” गुहा के इस ट्वीट पर लोगों ने तरह-तरह की प्रतिक्रिया दी है। एक यूजर ने लिखा है, “नाम “राम” रख लेने से यह निश्चित नहीं है की “प्रकृति” और “विवेक” भी “राम-वत” प्राप्त होगा!”

एक अन्य यूजर ने गुहा को अपशब्द लिखकर और आईआईटी मुंबई के लोगो की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा है, “आईआईटी का यह लोगो और उसकी सूक्ति सनातन धर्मग्रंथों और वेद से ली गई है।” दूसरे यूजर ने प्रतिक्रिया दी है कि आधुनिक भारत में जगदीश बोस ने पहला उच्चतर शोध संस्थान बोस रिसर्च इन्स्टीच्यूट स्थापित किया था और वो खुद वेद से प्रेरित थे। एक ने लिखा है कि नालंदा तुम्हारे ही मित्र द्वारा तबाह और बर्बाद किया गया था।

बता दें कि रामचंद्र गुहा अक्सर अपनी टिप्पणी को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। हाल ही में कर्नाटक की वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के पीछे संघ के लोगों का हाथ होने का शक जताया था। इसके बाद उन्हें बीजेपी की तरफ से नोटिस भेजा गया था। बीजेपी नेता द्वारा कानूनी नोटिस मिलने के बाद गुहा ने सोशल मीडिया पर लिखा, “अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि एक किताब या लेख का जवाब केवल दूसरी किताब या लेख हो सकता है। लेकिन हम अब वाजपेयी के भारत में नहीं रह रहे हैं।” एक अन्य ट्वीट में गुहा ने कहा, “आज के भारत में स्वतंत्र लेखकों और पत्रकारों का उत्पीड़न किया जा रहा है, उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है, यहां तक कि मारा जा रहा है। लेकिन हमें चुप नहीं कराया जा सकता।”

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