BRD अस्पताल मामला: CM योगी बोले- ऑक्सीजन की कमी होती तो वेंटिलेटर वाले बच्चे पहले मरते
साल 2017 में गोरखपुर जिले के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में कथित तौर पर आॅक्सीजन की कमी से कई नवजात बच्चों की मौत हो गई थी। रविवार (26 अगस्त) को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ कहा है कि अगर आॅक्सीजन की कमी की समस्या होती तो उन बच्चों की मौत सबसे पहले होती, जो वेंटिलेटर पर रखे हुए थे।
इस मामले में बीआरडी अस्पताल के डॉ. कफील खान को आरोपी बनाया गया था। जेल से बाहर आने के बाद डॉ. कफील ने कहा था,’मैंने उस दिन जो भी किया था। जो भी एक पिता, डॉक्टर और सच्चा हिंदुस्तानी होता वो करता। कोई भी करता, मैंने तो बच्चों को बचाने की कोशिश की थी।’ कफील ने कहा था, ‘मैंने बच्चों के लिए ऑक्सीजन के अतिरिक्त सिलेंडरों की व्यवस्था करने की कोशिश की थी। क्योंकि तरल ऑक्सीजन समाप्त हो गया था।
#WATCH: UP CM Yogi Adityanath speaks on 2017 Gorakhpur infants death case, says, 'had there been a shortage of oxygen, then the children on ventilator would have died first.' (25.08.18) pic.twitter.com/lPjoVUmi5P
— ANI UP (@ANINewsUP) August 26, 2018
मीडिया को दिए अपने बयान में डॉ. कफील ने कहा था,” मैं कई बार सोचता हूं कि मैंने क्या गलत किया है कि मैं जेल में हूं? मेरे भविष्य की योजनाएं मुख्यमंत्री योगी पर निर्भर करती हैं, अगर वह मेरे निलंबन को रद्द कर देते हैं तो मैं फिर से अस्पताल ज्वॉइन करूंगा और लोगों की सेवा करना जारी रखूंगा।” डॉ. कफील ने मीडिया से भी अपील की थी कि उन्हें ऑक्सीजन कांड का आरोपी लिखना बंद करें।
गौरतलब है कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पिछले साल अगस्त में ऑक्सीजन की कमी की वजह से 60 से ज्यादा मासूम बच्चों की मौत हो गई थी। हालांकि प्रशासन का कहना था कि बच्चों की मौत के पीछे और भी वजहें जिम्मेदार थीं। अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि मौतें ‘दवाओं, डॉक्टरों या ऑक्सीजन की कमी’ के कारण नहीं हुईं। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल पीके सिंह के मुताबिक, अगस्त के महीने में एक्यूट एनसेफेलाइटिस सिंड्रोम के कारण मौतें होना आम बात है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, 415 बच्चों की मौत सिर्फ अगस्त 2017 में हुई।