गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस अग्निकांड मामले में दो और को उम्रकैद, तीन हुए अदालत से बरी


गुजरात में साल 2002 में हुए साबरमती एक्सप्रेस अग्निकांड के मामले में स्पेशल कोर्ट ने दो लोगों को दोषी करार दिया है। जबकि तीन अन्य को बरी कर दिया है। कोर्ट ने दोषी इमरान शेरू और फारुख भाना को उम्र कैद की सजा सुनाई है। उन पर गोधरा में कार सेवकों से भरी बोगी को आग लगाने का षडयंत्र रचने का आरोप सिद्ध पाया गया। जबकि बाकी तीन अन्य आरोपियों को बरी कर दिया गया है। इससे पहले साल 2002 में गोधरा स्टेशन पर साबरमती ट्रेन के डिब्बे को जलाने के मामले में गुजरात हाई कोर्ट ने 11 दोषियों की फांसी की सजा को उम्र कैद में बदल दिया था। हाईकोर्ट ने ये भी कहा था कि अब इस मामले में अब किसी भी दोषी को फांसी नहीं दी जाएगी।

विशेष अभियोजक जेएम पांचाल ने मीडिया को बताया कि इस मामले में कुल 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें कादिर पटालिया की मौत जनवरी 2018 में हार्ट अटैक से हो गई थी। जिन पांच लोगों पर मुकदमा चला उनमें हुसैन सुलेमान मोहन, कासम बहामेदी, फारुख धनतिया, फारुख भाना और इमरान उर्फ शेरू भटुक शामिल थे। ये सभी गोधरा के ही रहने वाले हैं। मोहन को साल 2015 में मध्य प्रदेश के झाबुआ से गिरफ्तार किया गया था। जबकि बहामेदी को दाहोद रेलवे स्टेशन से पकड़ा गया था। धनतिया और भाना को गोधरा में उनके घरों से गिरफ्तार किया गया था। जबकि भटुक को जुलाई 2016 में महाराष्ट्र के मालेगांव से गिरफ्तार किया गया था।

जिन लोगों पर आज फैसला सुनाया गया है, वह सभी साल 2015-16 के दौरान गिरफ्तार किए गए थे। उन पर गोधरा ट्रेन ​अग्निकांड में शामिल होने का आरोप लगाया गया था। गिरफ्तारी से पहले ये पांचों लोग करीब 10 सालों से फरार चल रहे थे। गोधरा के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एचसी वोरा ने साबरमती केंद्रीय कारागार के भीतर ये फैसला सुनाया है। ये पांचों गिरफ्तारी के बाद से वहीं बंद हैं। इस पांचों को विभिन्न जांच एजेंसियों ने गिरफ्तार किया था। ये सभी उसी वक्त से फरार चल रहे थे, जब फरवरी 2011 में कोर्ट ने 94 आरोपियों के खिलाफ अपना फैसला सुनाया था।

गौरतलब है कि 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के S-6 कोच में गुजरात के गोधरा स्टेशन पर आग लगा दी गई थी। इसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें ज्यादातर कार सेवक थे जो अयोध्या से लौट रहे थे। 28 फरवरी से 31 मार्च 2002 तक गुजरात के कई इलाकों में दंगा भड़का था, जिसमें 1200 से अधिक लोग मारे गए थे। इस मामले में 1500 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।

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