सपा में सेंध लगाने की तैयारी में अमित शाह? शिवपाल और योगी की नजदीकियों पर अटकलें तेज
उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में इस बात की अटकलें तेज हैं कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह राज्य के सबसे बड़े सियासी परिवार में सेंध लगाकर विपक्ष का चुनावी जायका बिगाड़ सकते हैं क्योंकि ऐसा होने से आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को फायदा हो सकता है। दरअसल, ये अटकलें तब जोर मारने लगीं, जब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा और पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव और राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच नजदीकियां बढ़ने लगीं। बता दें कि रक्षा बंधन पर शिवपाल सिंह ने कहा था कि पार्टी में वो करीब डेढ़ साल से अहम जिम्मेदारी मिलने का इंतजार कर रहे हैं। शिवपाल के इस बयान को अल्टीमेटम के तौर पर माना जा रहा है। हालांकि, सपा के सूत्र किसी भी तरह की टूट से इनकार करते हैं.
इससे पहले शिवपाल कई मौकों पर योगी आदित्यनाथ की तारीफ कर चुके हैं। पिछले दिनों दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद शिवपाल सिंह यादव के आईएएस दामाद से जुड़ी एक फाइल सीएम योगी ने तुरंत आगे बढ़ा दिया। माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच सियासी डील भी हुई है। वैसे ये दोनों नेता पहले से ही काफी नजदीकी रहे हैं। सपा से निकाले गए अमर सिंह पहले ही बीजेपी राग गा रहे हैं। सियासी गलियारों में इसकी भी चर्चा है कि अमर सिंह देर-सवेर शिवपाल सिंह को भी सपा से बाहर निकाल लेंगे। मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव भी कई मौकों पर योगी आदित्यनाथ की तारीफ कर चुकी हैं और अपना गौशाला दर्शन करा चुकी हैं।
उधर, अमित शाह लगातार इस पर मंथन कर रहे हैं कि यूपी में सपा बसपा के गठबंधन को कुंद करने के लिए क्या-क्या विकल्प अपनाए जा सकते हैं। इसके तहत समाजवादी परिवार में सेंध लगाना उनकी पहली प्राथमिकता हो सकती है। सियासी तोड़फोड़ में निपुण माने जाने वाले अमित शाह की नजर दक्षिण भारत के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार पर भी है। तमिलनाडु की विपक्षी पार्टी डीएमके में भी इन दिनों दो धड़े बने हुए हैं। बीजेपी फिलहाल इंतजार कर रही है, मगर उसकी नजर दिवंगत करुणानिधि के दोनों बेटों एमके स्टालिन और एम के अझागिरी पर है। अगर इन दोनों राज्यों के दोनों बड़े राजनीतिर परिवारों में सेंध लगाने में शाह कामयाब रहे तो उन्हें इसका सीधा फायदा लोकसभा चुनाव में मिल सकता है क्योंकि दोनों राज्यों से करीब 120 लोकसभा सांसद चुनकर आते हैं।