बैलट पेपर से चुनाव की मांग पर बोले CEC- ‘कुछ दलों ने कहा नहीं चाहते हैं बूथ कैप्चरिंग का दौर वापस आए’

मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने कहा है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी संबंधी तमाम राजनीतिक दलों की चिंताओं पर चुनाव आयोग गंभीरतापूर्वक संज्ञान लेते हुये आम चुनाव से पहले इनका निराकरण करेगा। रावत ने आयोग द्वारा सभी राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय मान्यता प्राप्त दलों के प्रतिनिधियों के साथ चुनाव प्रक्रिया को दुरुस्त करने के मुद्दे पर आज हुई बैठक के बाद बताया ‘‘ईवीएम में गडबड़ियों की शिकायतों पर आयोग ने व्यापक नजरिया अपनाते हुये संज्ञान लिया है। इस बारे में सभी तरह की शंकाओं का समाधान किया जायेगा।’’

कांग्रेस सहित तमाम अन्य दलों द्वारा मतपपत्र से मतदान कराने की मांग के सवाल पर रावत ने कहा ‘‘कुछ दलों का कहना था कि मतपत्र पर वापस लौटना अच्छा नहीं होगा, क्योंकि हम नहीं चाहते हैं कि ‘बूथ कैप्चरिंग’ का दौर वापस आये।’’ हालांकि कुछ दलों की ओर से ईवीएम और वीवीपेट में कुछ समस्यायें होने की बात कही गयी, इन सभी पहलुओं को आयोग ने संज्ञान में लिया है और इस बारे में हम संतोषजनक समाधान देने के लिये आश्वस्त करते हैं।’

रावत ने स्पष्ट किया कि सभी दलों की ईवीएम, वीवीपेट और अन्य मसलों से जुड़ी सभी चिंताओं पर आयोग समग्र नजरिया अपनाते हुये संतोषजनक हल प्रदान करेगा। आज की बैठक के प्रमुख नतीजों के बारे में उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रक्रिया को विश्वसनीय और बेहतर बनाने के लिये सकारात्मक सुझाव दिये है। आयोग इन पर विस्तार से विचार कर इन्हें प्रभावी तौर पर लागू करने की दिशा में सभी जरूरी कदम उठायेगा।

बैठक में ‘एक देश एक चुनाव’ के मुद्दे पर चर्चा होने के सवाल पर रावत ने कहा ‘‘कुछ दलों ने यह मुद्दा उठाया और कुछ दलों ने इसका विरोध किया। आयोग की तरफ से इस मामले में बहुत कुछ कहा जा चुका है। इस मामले में अच्छी बहस चल रही है।’’ उन्होंने बताया कि कुछ दलों ने प्रत्याशियों की तरह राजनीतिक दलों के चुनावी खर्च की भी सीमा तय करने का सुझाव दिया। इस दिशा में कानूनी पहल करने के बारे में आयोग विचार करेगा। बैठक में सभी सात राष्ट्रीय और 51 राज्य स्तरीय मान्यताप्राप्त दलों के 41 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। कांग्रेस, सपा, बसपा, तृणमूल कांग्रेस और आप सहित तमाम विपक्षी दलों ने मतपत्र से चुनाव कराने का सुझाव दिया।

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