340 करोड़ रुपये में बिककर बनी दुनिया की सबसे महंगी कार, क्या है इस फरारी की खासियत
कहते हैं कि जब आपको शौक पूरी करनी हो तो कोई कीमत मायने नहीं रखती है। हाल ही में एक फेरारी कार की नीलामी हुई और इसकी कीमत लगाई गई 3 अरब 40 करोड़ रुपये। जी हां, जब बात रफ्तार की हो और मॉडल फेरारी हो तो इसके शौकीन कीमत की कम ही चिंता करते हैं। 340 करोड़ में बिकी फेरारी की इस कार का मॉडल 250 जीटीओ है। ये कार 1962 में बनी है। जून में आई फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक ये अंदाजा लगाया गया था कि इस कार को 306 करोड़ में नीलाम किया जा सकता है। लेकिन जब नीलामी की बारी आई तो 340 करोड़ तक पहुंच गया। 250 जीटीओ की नीलामी आरएम सोदबाय के वार्षिक मॉन्टरी कलेक्टर कार सेल के दौरान हुई। 340 करोड़ में नीलामी के साथ ही इस कार ने इतनी ऊंची कीमत पर बिकने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है।
बता दें कि सालों से 250 जीटीओ कार के शौकीनों के लिए बेहद खास रहा है। बता दें कि साल 1982 में एक फ्रेंच कार संग्रहकर्ता ने 250 जीटीओ के मालिकों को एक साथ लाया था। बता दें कि इस कार के मात्र 36 मॉडल ही बनाये गये थे। इस लिहाज से ये कारें शुरुआत से ही स्पेशल थीं। इससे भी खास बात यह है कि इतने साल गुजर जाने के बाद भी ये 36 मॉडल अभी चल रही हैं। इन 36 कारों के मालिकों का एक स्पेशल क्लब है।
माना जा रहा है कि 250 जीटीओ की नीलामी भले ही काफी उंचे दाम पर हुई हो, पर ये कीमत और भी बढ़ सकती है। इससे पहले जर्मनी के कार रेसर क्रिश्चन ग्लेजल ने अपने 1963 मॉडल के फेरारी जीटीओ चेसिस 4153 को 477 करोड़ में डेविड मेकनिल नाम को शख्स को निजी रुप से बेचा था। अब फेरारी एक्सपर्ट और ऑटो एक्सपर्ट मार्शल मैसिनी का मानना है कि अब मेकनिल अगले दो तीन सालों में इस कार को लगभग 100 करोड़ डॉलर में बेच सकते हैं।
340 करोड़ में बिके 250 जीटीओ एक रेस विनर है। बता दें कि फेरारी 250 मार्क के फेमस 250 मॉडल का हिस्सा है। ये कारें 1953 में बननी शुरू हुई थी और 1964 तक बनीं। बता दें कि फेरारी की इस डिजाइन को सबसे सुंदर माना जाता है। मार्क द्वारा बनाये गये कारों में ये मॉडल रोड और रेसिंग दोनों ही सेगमेंट में शानदार हैं। दुनिया भर में हुए 300 रेस में ये कारें फर्स्ट आई हैं। इस कार की रफ्तार 174 मील प्रति घंटा है।