बिहार में कोर्ट परिसर के अंदर पेशी के लिए पंहुचे कुख्यात गैंगस्टर संतोष झा को गोली मार कर दी हत्या
बिहार के सीतामढ़ी में मंगलवार (28 अगस्त) को कुख्यात गैंगस्टर संतोष झा की कोर्ट परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। झा पर दरभंगा के दो इंजीनियरों की हत्या का आरोप था। वह उसी मामले में पेशी के लिए कोर्ट पहुंचा था, जहां हमलावरों ने उसे अपना निशाना बनाया। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी मौके से तुरंत फरार हो गए। आनन-फानन में खून से लथ-पथ झा को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
एसपी विकास बर्मन ने एएनआई को बताया कि पुलिस ने एक शख्स को गैंगस्टर की हत्या के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है। घटना के दौरान कोर्ट में काम करने वाला एक शख्स भी चोटिल हो गया था, जबकि झा पर दो से तीन लोगों ने गोलियां चलाई थीं।
बता दें कि झा मूलरूप से शिवहर का निवासी था। उसका आतंक पूरे उत्तरी बिहार में था। जेल में बैठे-बैठे ही गिरोह को चलाता था। उसके निशाने पर बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनियां रहती थीं। पुलिस की हिस्ट्रीशीट बताती है कि झा ने उत्तरी बिहार के कई इलाकों में काम करने वाली कंपनियों से करोड़ों रुपए की उगाही की थी। वह राज्य की कई जेलों में रखा जा चुका था।
स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार, झा का मुख्य शूटर मुकेश पाठक है। उसका नाम सुर्खियों में तब आया था, जब उसने 2016 में दरभंगा में सड़क निर्माण कराने वाली एक बड़ी कंपनी के दो इंजीनियरों को गोलियों से भून डाला था। वारदात में एके-47 राइफल इस्तेमाल की गई थी। बाद में बहुत लंबे ऑपरेशन के बाद बिहार की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने पाठक को रामगढ़ में चलती ट्रेन से गिरफ्तार किया था।
स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, वारदात के दौरान झा के शरीर में दो गोलियां लगीं। घटना के बाद कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी का माहौल पनप गया। आलम यह था कि जिसे जहां रास्ता मिला, वह सिर पर पांव रख भाग निकला। कोर्ट के आस-पास इसके बाद भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
यह भी बताया गया कि झा ने एक नक्सली कमांडर को मरवाकर खुद को उस गिरोह का सरगना घोषित कर दिया था। आगे चलकर यही गिरोह निर्माण कंपनियों और व्यापारियों से अवैध वसूली करने लगा। दावा है कि कुख्यात गैंगस्टर बिहार का पहला क्रिमिनल था, जो पूरे प्रदेश में गैंग चलाता था।