बीजेपी पर भड़कीं ममता बनजी, कहा-हम बंगाल टाइगर्स, राज्य में नहीं लागू होने देंगे एनआरसी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर राज्य में माकपा के पूर्व गुंडों के जरिए हिंसा की राजनीति’ का सहारा लेने का आरोप लगाया। साथ ही, राज्य में एनआरसी की इजाजत नहीं देने का भी वादा किया। तृणमूल छात्र परिषद (तृणमूल कांग्रेस की छात्र शाखा) की स्थापना दिवस के अवसर पर यहां एक रैली को संबोधित करते हुये ममता ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के तहत देश आपातकाल से कहीं ज्यादा विकट स्थिति का सामना कर रहा है क्योंकि लोगों के पास बोलने तक का अधिकार नहीं है। उन्होंने युवाओं से 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के नारे लगाने को प्रेरित किया। उन्होंने कहा, ‘‘हम बंगाल में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अनुमति नहीं देंगे। हम बंगाल टाइगर्स हैं। यदि किसी भारतीय नागरिक को विदेशी करार दिया जाता है, तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।’’ वहीं, भाजपा ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि ममता को अगला प्रधानमंत्री बनने का सपना देखना बंद कर देना चाहिए और इसके बजाय राज्य में कानून व्यवस्था कायम रखने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
केंद्र की सत्ता से भाजपा को बेदखल करने के अभियान में अग्रिम मोर्चे पर खड़ी तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि वह 2019 के आम चुनाव में भगवा पार्टी को हराने के लिए पुरजोर कोशिश करेंगी। ममता ने केंद्र पर देश में विपक्षी पार्टियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने रैली में कहा, ‘‘वे (भाजपा) मायावती, अखिलेश, स्टालिन, लालू प्रसाद, कांग्रेस को परेशान कर रहे हैं। अन्यथा वे सत्ता में कैसे बने रह पाएंगे…वे हमे भी रोकने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि हम बंगाल से अपनी आवाज उठाते हैं।’’ तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ‘‘वे (भाजपा के नेता) हमें चुनौती दे रहे हैं। यदि हमे चुनौती दी जाएगी, तो इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।’’ उन्होंने राज्य में भाजपा के चुनावी प्रदर्शन के बेहतर होने के दावे को खारिज करते हुए कहा कि कभी माओवादियों के गढ़ रहे जंगलमहल में हत्या की राजनीति का सहारा लेकर भगवा पार्टी पंचायत चुनाव में महज कुछ सीटें जीत पाई। माकपा के पूर्व गुंडे अब उनके लिए काम कर रहे हैं।
ममता ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के एक कार्यकर्ता की जंगलमहल के झारग्राम में हत्या कर दी गई और उसका शव आज बरामद किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले पंचायत चुनाव में अपने पक्ष में मतदान कराने के लिए भाजपा ने केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों का इस्तेमाल किया था। उनके बयान पर भाजपा प्रदेश प्रमुख दिलीप घोष ने प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस सरकार पुलिस और प्रशासन का दुरूपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस बंगाल में विपक्ष का नामोनिशान मिटा देना चाहती है। ‘‘हमारे कार्यकर्ता रोज मारे जा रहे हैं। लेकिन हम तृणमूल सरकार के कुशासन को खत्म करने तक अपनी लोकतांत्रिक लड़ाई जारी रखेंगे। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगला प्रधानमंत्री बनने का सपना देखने के बजाय, मुख्यमंत्री को राज्य में कानून व्यवस्था कायम रखने के बारे में चिंता करनी चाहिए।’’ इससे पहले ममता ने कहा कि भाजपा आपातकाल के खिलाफ बोलती है लेकिन मोदी सरकार के तहत लोगों के पास बोलने का अधिकार नहीं है। क्या खाएं, क्या पहने, की स्वतंत्रता नहीं है। यह आपातकाल से कहीं अधिक है।
उन्होंने केंद्र की राजग सरकार के दौरान एनपीए बढ़ने का जिक्र करते हुए कहा कि यह संप्रग शासन की तुलना में कहीं अधिक है। उन्होंने भाजपा पर अपना हमला जारी रखते हुए कहा, ‘‘हम विदेशी चंदा नहीं चाहते हैं लेकिन भाजपा विदेशी चंदे में इतनी रूचि क्यों ले रही है ? ’’ लोकसभा ने विदेशी चंदे के सिलिसले में राजनीतिक पार्टियों को छूट देने का एक विधेयक पारित किया है। उन्होंने कहा, ‘‘ भाजपा हर चीज अपने मुताबिक कराना चाहती है… हमे क्या खाना चाहिए से लेकर हमे क्या पहनना चाहिए। लेकिन वह फैसला करने वाली कौन होती है।’ ममता ने कहा, ‘‘धन और बाहुबल के अलावा भाजपा विपक्षी नेताओं के खिलाफ केन्द्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। हमारा उद्देश्य 2019 के लोकसभा चुनाव में उसे (भाजपा को) सत्ता से बाहर करना है।’’