वचन निभाएंगे ‘शिवभक्त’ राहुल गांधी, जल्द करेंगे कैलाश मानसरोवर यात्रा

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जल्द ही कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए रवाना हो सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 31 अगस्त से एक सितंबर के बीच वह कैलाश मानसरोवर की यात्रा करेंगे। पार्टी इसकी तैयारियां भी कर रही है। बता दें कि राहुल खुद को कई बार भगवान शिव का भक्त कह चुके हैं। कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार के वक्त राहुल एक हादसे में बाल-बाल बचे थे। उन्होंने उस घटना के बाद भगवान शिव को शुक्रिया अदा करने के लिए पवित्र तीर्थ स्थल पर जाने की इच्छा जाहिर की थी। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था, “मैं यह यात्रा बाबा शिव को धन्यवाद देने के लिए करूंगा।” ऐसे में अगर राहुल इस यात्रा पर जाएंगे, तो निश्चित तौर पर वह अपना वचन निभाएंगे।

नहीं हुआ है पंजीकरणः  रिपोर्ट्स की मानें तो राहुल इस यात्रा को नेपाल के बजाय चीन के रास्ते पूरा करेंगे। चूंकि यात्रा चीन से होकर गुजरती है ऐसे में इसके लिए पंजीकरण अनिवार्य है। लेकिन विदेश मंत्रालय के सूत्रों से पूछा गया तो पता लगा कि कांग्रेस अध्यक्ष की यात्रा के लिए अभी तक पंजीकरण नहीं कराया गया है। न ही उनका आवेदन मंत्रालय को मिला है।

आवेदन पर फंसा पेंच? क्या बोली कांग्रेस: कांग्रेस का आरोप है कि सरकार नहीं चाहती है कि राहुल कैलाश की यात्रा करें। ‘नेशनल हेराल्ड’ ने कांग्रेस सूत्रों के अनुसार लिखा था कि पार्टी अध्यक्ष ने इस यात्रा के लिए आवेदन नहीं किया। हालांकि, उन्होंने विशेष अनुमति के लिए आवेदन जरूर दिया है। बता दें कि यह आवेदन सांसदों के लिए मान्य होता है। पार्टी का कहना है कि मंत्रालय ने अभी तक उस आवेदन पर कोई जवाब नहीं दिया है।

छुट्टी की जताई थी इच्छा: अप्रैल में नई दिल्ली स्थित रामलीला मैदान की रैली में उन्होंने उस हादसे के बारे में बताया था। बकौल राहुल, “कर्नाटक चुनाव प्रचार के बीच मेरा विमान दुर्घटना से बाल-बाल बच गया था। हादसे से बचने के बाद मैंने यह फैसला लिया है।” राहुल ने इसके अलावा एक कार्यक्रम में साफ किया था कि वह 10 से 15 दिनों की छुट्टी लेकर कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाना चाहते हैं।

क्या है पूरा मामला?: राहुल तब चुनाव प्रचार के लिए कर्नाटक जा रहे थे। 10 सीटर डैसॉल्ट फैल्कन 2000 विमान का रडार कुछ देर के लिए अचानक गायब हो गया था। रैली में राहुल ने उसी पल के बारे में जिक्र करते हुए बताया था, “विमान में गड़बड़ी के दौरान मुझे लगा था कि अब हम लोग बचेंगे नहीं। लेकिन हम बच गए, जिसके बाद मैंने कैलाश मानसरोवर जाने का फैसला किया।”

8 सितंबर तक यात्रा: विदेश मंत्रालय की देखरेख में हर साल कैलाश मानसरोवर यात्रा का आयोजन होता है। यह यात्रा इस साल आठ जून को शुरू हुई थी, जो कि आठ सिंतबर तक चलेगी। यात्रा पर जाने के दो रूट हैं। पहला- उत्तराखंड में लिपुलेख पास से होकर, जबकि दूसरा रूट सिक्किम में नाथू ला पास से होकर जाता है।

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