17 साल की उम्र में मौत से जंग हार गईं वीर कुंवर सिंह की गाथा से सुर्खियां में आई लोकगायिका तीस्ता

भोजपुरी की लोकगायिका तीस्ता शांडिल्य के निधन से भोजपुरी कला और साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। महज 17 साल की तीस्ता शांडिल्य ने बाबू वीर कुंवर सिंह की गाथा गाकर खूब सुर्खियां बटोरी थीं। तीस्ता को भोजपुरी लोकगाथा और लोकनाट्य का उभरता हुआ सितारा माना जा रहा था। जानकारी के मुताबिक तीस्ता एक्यूट सेप्टेसेमिया नामक बीमारी से पीड़ित थीं। तीस्ता पिछले कुछ दिनों से पटना स्थित एम्स में जिंदगी की जंग लड़ रही थीं। तीस्ता तीन दिनों से वेंटिलेटर पर थीं और डॉक्टर उन्हें बचाने के लिए हर मुमकिन प्रयास कर रहे थे।

बीते मंगलवार(28-08-2018) को तीस्ता जिंदगी की जंग हार गईं। उनके निधन पर कई भोजपुरी कलाकारों ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। जिस वक्त तीस्ता बीमार थीं उनकी मदद के लिए भोजपुरी कला जगत की कई हस्तियों ने हाथ बढ़ाया था। सुप्रसिद्ध गायिका शारदा सिन्हा ने भी तीस्ता के जल्द स्वस्थ होने की कामना की थी। तीस्ता के निधन पर कई राजनीतिक हस्तियों ने भी शोक प्रकट किया है।

तीस्ता के निधन के बाद जेडीयू नेता शैलेंद्र प्रताप सिंह एम्स पहुंचे। यहां उन्होंने तीस्ता के पिता और मशहूर नाट्य कलाकार उदय नारायण सिंह को ढांढस बंधाया। सांसद पप्पू यादव ने भी तीस्ता के निधन पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि हमें गम है कि हमलोग बिटिया को बचा नहीं सके। भोजपुरी के कई कथाकार और लोकगायकों ने तीस्ता के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है।

जानकारी के मुताबिक मामूली बुखार की शिकायत के बाद तीस्ता को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एक्यूट सेप्टेसेमिया की वजह से उनके शरीर का खून संक्रमित हो गया और फिर धीरे-धीरे शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया। भोजपुरी कला जगत के एक उभरते सितारे के अचानक चले जाने से बिहार में उनकी सुरीली आवाज के श्रोताओं को भी गहरा सदमा लगा है

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