खराब गोलाबारूद के चलते टेस्‍ट में फेल हुईं एम-777 हॉवित्जर तोप : रिपोर्ट

एक प्रारंभिक जांच में पता चला है कि राजस्थान के पोखरण में इस माह की शुरुआत में सेना की लंबी दूरी की बेहद हल्की (यूएलएच) हॉवित्जर एम-777 तोप के फील्ड परीक्षण के दौरान जो विस्फोट हुआ था उसका कारण खराब गोलाबारूद था। दो सितंबर को अमेरिका निर्मित तोप की नली उस वक्त फट गई थी जब इसमें भारतीय गोलाबारूद का परीक्षण किया जा रहा था। सूत्रों ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह विस्फोट आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) की ओर से खराब गोलाबारूद आपूर्ति करने के कारण हुआ था। इस मामले में आगे की जांच जारी है।

ओएफबी के प्रवक्ता उद्दीपन मुखर्जी से जांच के निष्कर्ष के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘ऐसी किसी प्रकार की असफलता आंतरिक बैलेस्टिक से जुड़ी किसी जटिल घटना के कारण हो सकती है क्योंकि नली के अंदर गोला बेहद तेज गति से घूमता है।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘केवल गोले की गुणवत्ता ही एक कारण नहीं है’’ बल्कि कई कारणों से इस प्रकार की चूक हो सकती हैं। जांच के निष्कर्षों के बारे में कोई खास टिप्पणी किए बगैर उन्होंने कहा कि एम-777 तोप में इस्तेमाल किए गए गोले का गुणवत्ता परीक्षण किया गया था।

गौरतलब है कि बोफोर्स घोटाले का खुलासा होने के करीब 30 वर्ष बाद भारत को मई में दो बेहद हल्की हॉवित्जर तोपें मिली थीं। प्रति तोप इनकी कीमत 35 करोड़ रूपए थी और इन्हीं में से एक तोप के परीक्षण के दौरान दुर्घटना हुई थी। सेना के सूत्रों ने बताया कि विस्फोट में तोप की बैरल क्षतिग्रस्त हो गई थी।

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