यूपी की सभी सीटों पर लड़ेगा समाजवादी सेक्‍युलर मोर्चा, शिवपाल बोले- नेताजी का आशीर्वाद है

समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के गठन के दो दिन बाद शिवपाल यादव ने शुक्रवार (31 अगस्त) को ऐलान किया कि मोर्चा आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक शिवपाल ने यह भी दावा किया कि उन्होंने इस मोर्चा का गठन अपने बड़े भाई मुलायम सिंह यादव के आशिर्वाद से किया है, जो कि इस संगठन के संरक्षक हैं। शिवपाल ने यह घोषणा मुजफ्फरनगर के बुधना में अपने समर्थकों द्वारा आयोजित राष्ट्रीय एकता सम्मेलन को संबोधित करते हुए की। बाद में इंडियन एक्सप्रेस से बात फोन पर बात करते हुए कहा कि, शिवपाल ने कंफर्म किया कि मोर्चा 80 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

शिवपाल यादव ने भतीजे और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के उपर खुद की अपेक्षा करने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने कहा कि सपा के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव उन्हें महासचिव बनाने का वादा पूरा नहीं कर सके। उन्होंने मुझे आश्वस्त किया था कि वे मुझे महसचिव बनाएंगे। शिवपाल ने आगे कहा कि, “समाजवादी सेक्युलर मोर्चा भाजपा को हराने के लिए सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। हम अपनी समान विचाराधारा वाली पार्टी से संपर्क करेंगे और सभी को एक साथ लाएंगे। हम गांधीवादी, लोहियावादी और चौधरी चरण सिंह वादी के साथ उन लोगों को भी साथ लाएंगे जिनकी उपेक्षा की जा रही है और सम्मान नहीं मिल रहा है।”

जब शिवपाल से पूछा कि यह मोर्चा सपा को भी कामजोर कर कर सकता है, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि, “मैं दो साल से इंतजार कर रहा था। सपा की आंखे खुली रहनी चाहिए थी। मैंने नेताजी के आशिर्वाद के साथ इस मोर्चा का गठन किया है।” इस मोर्चा में मुलायम सिंह की भूमिका के बारे में पूछने पर शिवपाल यादव ने कहा कि, “नेताजी इसके संरक्षक हैं।” शिवपाल ने यह भी दावा किया कि मोर्चा की घोषणा के बाद भी अखिलेश ने उनसे संपर्क नहीं किया। उन्होंने कहा, “सपा में लोगों के इरादे ठीक नहीं हैं। यदि उनका इरादा सही रहता तो क्या वे मुझसे संपर्क नहीं करते?”

शिवपाल यादव को लोकसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारने के फैसले से सपा के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी हो सकती है, जो बसपा और रालोद के साथ गठबंधन कर भाजपा के उपर बढ़त बनाने की तैयारी में है। शिवपाल यादव को अपने चचेरे भाई राम गोपाल यादव और भतीजे अखिलेश से रिश्ते उस समय कटु हो गए थे, जब सितंबर 2016 में 2017 विधानसभा चुनाव की तैयारियों की दौरान मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे को हटा कर शिवपाल को पार्टी का राज्य प्रमुख बना दिया था। पार्टी में उथल-पुथल के बीच अखिलेश यादव ने भी दिसंबर 2016 में यूपी चुनाव को लेकर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी थी। इसके बाद मुलायम सिंह ने अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव को पार्टी से निष्काषित कर दिया था। अखिलेश यादव जो कि उस समय मुख्यमंत्री थे, ने कड़ा रूख अख्तियार करते हुए शिवपाल यादव को कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिया था। अपने पिता को पार्टी अध्यक्ष से हटा दिया था और शिवपाल यादव को पार्टी से निलंबित कर दिया था। विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद दोनों पक्ष एक हो गए थे। लेकिन अब शिवपाल यादव द्वारा मोर्चा की घोषणा के बाद संघर्ष शुरू हो गया है।

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