कर्नाटक निकाय चुनाव में बीजेपी को तगड़ा झटका, येदियुरप्पा ने मानी हार
Karnataka Municipal Election Results 2018, Karnataka Urban Local Body Election Results 2018: कर्नाटक निकाय चुनाव में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने हार स्वीकार ली। येदियुरप्पा ने मीडिया से कहा कि राज्य में गठबंधन सरकार के कारण बीजेपी अपनी गणना के हिसाब से प्रदर्शन नहीं पाई। हालांकि उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत की उम्मीद जताई। बता दें कि बीते शुक्रवार (31 अगस्त) को राज्य में 102 वार्ड्स की 2664 सीटों के लिए मतदान हुआ था। सोमवार (3 सितंबर) को मतों की गिनती में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कांग्रेस के मुकाबले पिछड़ गई। खबर लिखे जाने तक आए नतीजों के हिसाब से कांग्रेस 846 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी थी, दूसरे नंबर पर बीजेपी 788 सीटों पर जीत चुकी थी, 307 सीटों पर जनता दल (सेक्युलर) ने बाजी मारी, वहीं 277 पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपनी-अपनी जीत का झंडा बुलंद किया। इस बार ये चुनाव इसलिए भी खास रहे क्योंकि पहली बार इनमें NOTA का विकल्प भी इस्तेमाल किया गया।
#Karnataka: Results declared on 2267 out of total 2664 seats in 102 urban local bodies where polls took place on August 31. Congress wins 846, BJP wins 788, JD(S) wins 307, and independent candidates win 277 seats.
— ANI (@ANI) September 3, 2018
कुछ इलाकों में बाढ़ ने चुनावों पर पानी फेरा, जैसे कि सोमवरपत, विराजपत और कुशालनगर में बाढ़ जैसी स्थिति के चलते मतदान नहीं हो पाया था। चुनाव आयोग के कमिश्नर ने आश्वासन दिया था कि हालात सही होते ही चुनाव कराया जाएगा। इस बार रिकॉर्ड 68 फीसदी मतदान हुआ। मतदान मैसूर, शिवमोगा और तुमाकुरु शहर के 2662 सिविक वार्ड, 29 नगर निगम, 23 कस्बा पंचायतों और 135 वार्डों के लिए हुआ। 8340 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई, जिनमें से 2306 कांग्रेस, 2203 बीजेपी और जनता दल (सेक्युलर) के 1397 उम्मीदवार शामिल रहे।
Congress is not lagging behind. Neck-to-neck fight is there & if you combine secular votes, they are the most. These elections are based on minor issues & local candidates & these results don't hold much significance: Mallikarjun Kharge on Karnataka urban local body polls results pic.twitter.com/5wXys8efmm
— ANI (@ANI) September 3, 2018
2013 में 4976 सीटों के लिए निकाय चुनाव हुए थे। तब कांग्रेस 1960 सीटों पर जीती थी और बीजेपी और जेडीयू को 905-905 सीटों पर जीती थीं। पिछली चुनाव में निर्दलीय उम्मीदारों के खाते में 1206 सीटें गई थीं। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने एएनआई से कहा, ”कांग्रेस पीछे नहीं है। कांटे का मुकाबला है और अगर आप सेक्युलर वोट मिलाते हैं तो वे सबसे ज्यादा हैं। ये चुनाव छोटे मुद्दों और स्थानीय उम्मीदवारों पर आधारित हैं और इनके नतीजे ज्यादा महत्व नहीं रखते हैं।”