पुलिसकर्मी से मारपीट मामले में 20 साल से फरार बीजेपी विधायक को पुलिस ने किया गिरफ्तार


मध्य प्रदेश के सतना जिले में पुलिस ने भाजपा विधायक शंकरलाल तिवारी को गिरफ्तार किया है। विधायक की यह गिरफ्तारी 1997 में एक पुलिसकर्मी के साथ मारपीट के मामले में हुई है। पुलिस का कहना है कि विधायक पिछले 20 सालों से फरार थे और अब उन्हें गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया जाएगा। हालांकि अब खबर आयी है कि अदालत ने भाजपा विधायक को जमानत दे दी है। बता दें कि शंकरलाल तिवारी पिछले 3 कार्यकाल से लगातार भाजपा के टिकट पर चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं। शंकरलाल तिवारी पर पुलिसकर्मी से मारपीट का मामला 1997 में दर्ज हुआ था। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक शंकरलाल तिवारी उसके बाद से फरार हैं, हालांकि वह सतना से ही 1998 में निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़े। उसके बाद साल 2003 से लगातार भाजपा के टिकट पर सतना से ही चुनाव जीतते आ रहे हैं।

भाजपा विधायक शंकर लाल तिवारी बीते अप्रैल माह में भी विवादों में आए थे। दरअसल एक जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा विधायक ने कांग्रेस नेताओं को ‘सपोला’ बता दिया था। सतना के जवाहरलाल नेहरु स्टेडियम में आयोजित किसान समृद्ध योजना के कार्यक्रम में बोलते हुए शंकर लाल तिवारी ने सरकार द्वारा चलायी जा रही भावन्तर योजना का गुणगान किया और इसे किसानों के हित में बताया। भाजपा विधायक ने आगे कहा कि कांग्रेसी सपोला ने जनता को गुमराह किया और शिवराज सिंह पर आरोप लगाए।

सोमवार को ही पुलिस ने मध्य प्रदेश की एक अन्य भाजपा विधायक के बेटे को भी गिरफ्तार किया था। आरोप है कि भाजपा विधायक के बेटे ने कांग्रेस के वरिष्ट नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को सोशल मीडिया पर जान से मारने की धमकी दी थी। इसके बाद कांग्रेस नेताओं की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। मामला मध्य प्रदेश के दामोह जिले के हटा विधानसभा का है। जहां भाजपा की उमा देवी विधायक हैं। विधायक के 19 वर्षीय बेटे प्रिंसदीप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर ज्योतिरादित्य को जान से मारने की धमकी दी थी।

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