अफगानिस्तान में सक्रिय आतंकवादी गुट हक्कानी नेटवर्क के संस्थापक जलालुद्दीन हक्कानी की लंबी बीमारी के बाद मौत

अफगानिस्तान में सक्रिय आतंकवादी गुट हक्कानी नेटवर्क के संस्थापक जलालुद्दीन हक्कानी की लंबी बीमारी के बाद मौत हो गई। अफगान तालिबान ने इसकी घोषणा की। बीबीसी के मुताबिक अफगानिस्तान में जलालुद्दीन हक्कानी एक बड़ा आतंकी नाम था और उसके तालिबान और अलकायदा से करीबी रिश्ते थे। अफगान तालिबान ने जारी बयान में कहा, “उन्होंने अल्लाह के धर्म के लिए युवा अवस्था के दौरान काफी कठिनाइयों का सामना किया और उन्हें अपने स्वास्थ्य को लेकर बाद के सालों में लंबी बीमारी को सहन करना पड़ा।”

इस बयान में हक्कानी की मौत की जगह व तारीख के बारे में कोई जानकारी नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में अफगान और नाटो सेनाओं पर हुए कई समन्वित हमलों के पीछे हक्कानी नेटवर्क रहा है। माना जाता है कि उसके बेटे सिराजुद्दीन हक्कानी ने 2001 में समूह का नियंत्रण संभाला लिया है। हक्कानी की मौत के बारे में अफवाहें सालों से फैली हुई हैं। समूह के करीबी सूत्रों ने 2015 में बीबीसी से कहा था कि उनकी मौत एक साल पहले हो चुकी है। इसकी पुष्टि कभी नहीं की गई।

भले ही जलालुद्दीन हक्कानी पिछले कुछ समय से सक्रीय रूप से अपने आतंकी संगठन में कोई रोल नहीं अदा कर रहा था, लेकिन फिर भी जलालुद्दीन की मौत हक्कानी नेटवर्क के लिए काफी बड़ा झटका है। हक्कानी ने साल 2001 में समूह का नियंत्रण बेटे सिराजुद्दीन को दे दिया था, लेकिन ऐसा कहा जाता है कि सिराजुद्दीन कोई भी फैसला लेने से पहले अपने पिता की सलाह जरूर लेता था। हक्कानी नेटवर्क अफगानिस्तान में सबसे ज्यादा सक्रीय आतंकी संगठन है और इसकी ताकत बाकी संगठनों के मुकाबले कहीं ज्यादा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक अफगानिस्तान में होने वाली ज्यादातर आतंकी घटनाओं के पीछे हक्कानी नेटवर्क का ही हाथ होता है। काबुल में पिछले साल सुसाइड ट्रक ब्लास्ट में भी हक्कानी का ही हाथ था। इस घटना में 150 लोग मारे गए थे।

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