टॉर्चर से तंग आकर बिहार के शेल्टर होम की किशोरी ने कांच के टुकड़े निगलकर की जान देने की कोशिश
बिहार के बेगुसराय में राज्य सरकार के द्वारा वित्त पोषित एक शेल्टर होम (आश्रय गृह) में रहने वाली एक 12 वर्षीय किशोरी ने कथित तौर पर यातना दिए जाने पर खुदकुशी करने का खौफनाक कदम उठा लिया। किशोरी अपनी जान देने के लिए कथित तौर पर बारीक कांच निगल गई, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पीटीआई की खबर के मुताबिक किशोरी मूल रूप से असम के कामरूप जिले की है। आश्रय गृह की अधीक्षक अनुजा कुमारी ने मीडिया को बताया कि किशोरी ने जब रविवार (2 सितंबर) की शाम इस बारे में बाताया तो शेल्टर होम स्टाफ ने उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया। किशोरी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि आश्रय गृह में रहने वाले बच्चों को पीटा जाता है और उन्हें पर्याप्त खाना नहीं दिया जाता है। किशोरी ने आरोप लगाया कि वार्डन ने एक शैंपू के पाउच की चोरी को स्वीकार नहीं करने की सूरत में उसे निर्वस्त्र करने की धमकी दी थी। किशोरी ने बताया कि शारीरिक रूप से प्रताड़ित किए जाने के डर से वह आत्महत्या का कदम उठाने के लिए मजबूर हुई। उसने कहा कि अब वह आश्रय गृह में वापस नहीं जाना चाहती है।
हालांकि, जिला सामाजिक कल्याण विभाग के सहायक निदेशक (बाल संरक्षण इकाई) वासुदेव कश्यप ने दावा किया कि लड़की ने झूठ बोला था। उन्होंने कहा कि किशोरी का अल्ट्रासाउंड टेस्ट कराए जाने पर कांच के टुकड़े नहीं मिले। उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस शिकायत नहीं की गई। हालांकि, सदर उप-मंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) संजीव कुमार चौधरी ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। इस मामले की जांच के लिए सामाजिक कल्याण विभाग के अधिकारियों को साइट पर भेजा गया था।
एसडीपीओ ने कहा कि आरोपियों के दोषी पाए जाने कठोर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस सूत्रों के अनुसार किशोरी को तीन महीने पहले लखीसराय जिले में मिली थी, उसने कथित प्रेम संबंधों की वजह से अपना घर छोड़ दिया था। उसे लखीसराय की बाल कल्याण समिति के द्वारा बेगुसराय स्थित महिलाओं वाले आश्रय गृह में भेजा गया था। यह शेल्टर होम बेगुसराय के रतनपुर इलाके में एक गैर-सरकारी संगठन (एजीओ) के द्वारा चलाया जाता है।