जिस युवती की तस्वीर से UN में पाकिस्तान की हुई फजीहत, जानिए- क्या है उसकी हकीकत

फलस्तीनी की युवती को कश्मीरी बताकर भारत को बदनाम करने की पाकिस्तानी कोशिश ना सिर्फ नाकाम हुई है बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भी पाकिस्तान की किरकिरी हुई है। दरअसल संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने जिस लड़की की तस्वीर को पैलेट गन की शिकार कश्मीरी नागरिक बताई थी वो फलीस्तीन की रहने वाली है। इस युवती का नाम राव्या अबु जोमा है। कथित रुप से इस्राइली हमले की शिकार 17 वर्षीय राव्या अबु जोमा की तस्वीर वास्तव में पुरस्कार विजेता अमेरिकी फोटो पत्रकार हीदी लेवाइन ने जुलाई 2014 में ली थी। हीदी लेवाइन तब द नेशनल के लिए गाजा युद्ध को कवर कर रही थी। इस तस्वीर को गार्जियन ने एक संग्रह के रुप में 2014 में ही प्रकाशित किया था। यह तस्वीर कई समाचार वेबसाइटों पर उपलब्ध है। ब्रिटेन के गार्डियन समाचार पत्र की वेबसाइट पर लगे फोटो कैप्शन में कहा गया है, ‘‘गाजा शहर के शिफा अस्पताल में 17 वर्षीय राव्या अबु जोमा। राव्या उस वक्त घायल हो गई थी जब उनके परिवार के अपार्टमेंट पर दो हवाई हमले हुए। हमले में उनकी बहन और तीन चचेरे भाई मारे गए थे।’’ साफ तौर पर इस तस्वीर का कश्मीर से कोई लेना-देना नहीं था।

लोधी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के पटल पर एक तस्वीर रखी जिसके चेहरे पर कथित तौर पर पैलेट गन की गोलियों के निशान थे। लोधी ने दावा किया, ‘‘यह है भारतीय लोकतंत्र का चेहरा।’’ जांच में पता चला है कि ये तस्वीर कई ऑन लाइन गैलरी में दिख चुकी है। इस तस्वीर को काफी पहले ही न्यूयॉर्क टाइम्स और गार्जियन अपने वेबसाइट में जगह दे चुके हैं। बता दें कि मलीहा लोधी ट्विटर समेत सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा में जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल करने के दौरान उन्होंने फर्जी तस्वीर पेश की थी यह बात सामने आने के बाद से वह इस मुद्दे पर मौन हैं। लोधी के इस तरह की तस्वीर का इस्तेमाल करने पर पीटीआई के सवाल का फिलहाल संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी मिशन ने भी जवाब नहीं दिया है। इस तस्वीर के इस्तेमाल से साफ है कि पाकिस्तान की प्रोपगैंडा मशीनरी भारत को बदनाम करने के लिए किसी भी स्तर तक जा सकती है।

 

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