जनसभा में बोले कांग्रेस नेता- कांग्रेस के खून में ब्राह्मण समाज का DNA

कांग्रेस के मीडिया प्रभारी और हरियाणा के कैथल से विधायक रणदीप सिंह सुरजेवाला एक बार फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में आ गए हैं। सोमवार (3 सितंबर) को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में ‘ब्राह्मण सम्मेलन’ में उन्होंने कहा कि कांग्रेस के खून में ब्राह्मण समाज का डीएनए है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने कहा, “मेरे एक सहयोगी ने पूछा कि राहुल गांधी की तस्वीर तथा तिरंगे व कांग्रेस पार्टी के झंडे के साथ ब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन क्यों किया जा रहा है? मैंने कहा कि एक दिन मैं इस बात का जवाब मंच से दूंगा। दोस्त! कांग्रेस ऐसी पार्टी है, जिसके खून में ब्राह्मण समाज का डीएनए है।” कांग्रेस अध्यक्ष की कैलाश मानसरोवर यात्रा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने अकेले भोल नाथ की यात्रा शुरू की।

रणदीप सुरजेवाला ने सम्मेलन के दौरान कई घोषणाएं भी की। उन्होंने गरीबों के लिए 10% आरक्षण का भी आश्वासन दिया। भगवान परशुराम के नाम पर संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि, “ब्राह्मण कल्याण बोर्ड का गठन कर प्रति वर्ष 100 करोड़ रुपये का बजट रखा जाएगा, जिससे 4 प्रतिशत ब्याज पर ब्राह्मण समाज के बेरोजगारों को सॉफ्ट लोन और छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। एमडी यूनिवर्सिटी रोहतक और सीडीएलयू सिरसा में पंडित परशुराम, पंडित लक्ष्मीचंद और पंडित भगवात दयाल शर्मा के नाम पर तीन चेयर की स्थापना की जाएगी।” उन्होंने कहा कि, “आजादी की लड़ाई के पहले अौर बाद में अपने बहुत योगदान हैं। पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, मदन मोहन मालवीय, पंडित चंद्रशेखर आजाद, बाल गंगाधर तिलक, पंडित मोतीलाल नेहरु, पंडित जवाहरल लाल नेहरु और अब राहुल गांधी नेतृत्व को अागे बढ़ा रहे हैं।”

कांग्रेस नेता ने भाजपा पर ब्राह्मण समाज के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “हरियाणा की भाजपा सरकार द्वारा ब्राह्मण समाज के रंग के आधार पर अपशगुन वाला प्रश्न पूछना घृणापूर्ण सोच को दर्शाता है। खट्टर सरकार ने इस तरह का प्रश्न पूछने वाले बोर्ड के अध्यक्ष पर कार्रवाई न कर उन्हें तीन साल का सेवा विस्तार दिया। भाजपा ने हमेशा सत्ता के लालच में ब्राह्मणों का इस्तेमाल किया। समाज के सम्मान पर चोट की। आज भाजपा शासन में ब्राह्मण समाज आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक रूप से पिछड़ता जा रहा है। भाजपा में सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, राम बिलास शर्मा, लक्ष्मी कांत वाजपेयी और कालराज मिश्रा जैसे कई बीजेपी नेताओं की उपेक्षा की गई।”

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