Gali Guleiyan movie review: घुटन से बाहर निकलने की कोशिश बयां करती है मनोज बाजपेयी की ‘गली गुलियां’

Gali Guleiyan movie review: मनोज बाजपेयी की फिल्म गली गुलियां सिनेमाघरों में आ चुकी है। इंडस्ट्री में अपने अनोखे अभिनय से सबको चौंकाने वाले मनोज की ये फिल्म एक साइकोलॉजिकल ड्रामा है। मनोज खास तरह की और लीग से हटकर फिल्में करने पर ज्यादा फोकस करते हैं। ऐसे में मनोज की ये फिल्म एक बेहद संजीदा सब्जेक्ट पर बनी हुई है।

फिल्म में मनोज एक ऐसे व्यक्ति की भूमिका निभा रहे हैं जो कि चांदनी चौक की तंग गलियों के बीच में फंसा हुआ है। इसी बीच उसे एक ऐसा बच्चा दिखाई देता है जिसका पिता उसे दिन रात खूब मारता है। यह बच्चा उसी गली में उसी के बगल में रहता है। वह उस बच्चे की पीड़ा को मेहसूस कर सकता है। ऐसे में वह उसकी मदद करना चाहता है। वह उसके घर के बाहर कैमरा (सीसीटीवी) तक फिक्स करता है। लेकिन उसके लगाए कैमरे में कुछ भी कैद नहीं हो पाता। ऐसे में उसका दोस्त उसे आगाह करता है कि इससे वह मुसीबत में पड़ सकता है। लेकिन बच्चे की बुरी हालत देख वह अपने पैर पीछे नहीं खींचता। ऐसे में वह उसपर हर वक्त नजर रखता है। क्या वह उस बच्चे को उस जगह से बाहर निकाल पाता है? वह कैसे बच्चे की मदद करता है? उस बच्चे को बचाने के पीछे का उस व्यक्ति का क्या मकसद है? यह जानने के लिए फिल्म देखना जरूरी है।

मनोज बाजपेयी इंडियन एक्सप्रेस से खास बातचीत में कहते हैं कि फिल्म गली गुलियां एक ऐसी फिल्म है जिसे ऑडियंस ने पहले कभी भी एक्सपीरियंस नहीं किया होगा। यह एक बहुत ही अलग तरह की फिल्म है। यह एक ऐसी कहानी है जिसे आज से पहले कभी किसी फिल्ममेकर ने बनाने की नहीं सोची होगी।

Gali Guleiyan movie स्टार कास्ट: मनोज बाजपेयी,  शहाना गोस्वामी, रणवीर शौर्य, नीरज काबी और ओम सिंह

Gali Guleiyan movie रेटिंग्स: 3

Gali Guleiyan movie डायरेक्टर: दीपेश जैन

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