बिना पेपर, हेलमेट स्‍कूटर चला रही थी, पुलिसवाले ने रोका तो गालियां देने लगी लड़की

हरियाणा के सोनीपत की यातायात पुलिस ने आरोप लगाया है कि जांच के दौरान दुपहिया वाहन के कागज मांगने पर एक युवती उनके साथ दुर्व्यहार करने लगी। पुलिकर्मियों ने आरोप लगाया कि युवती ने उन्हें अपशब्द भी कहे। यातायात पुलिस ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ”जब उसे रोका और कागज दिखाने को कहा तो उसने दुर्व्यहार किया और गालियां दीं। उसके पास कोई कागजात नहीं थे, हेलमेट भी नहीं पहना हुआ था और जुर्माना भरने से मना कर दिया। बाद में उसकी मां ने जुर्माना भरा।” इस हंगामे की खबर आने के बाद ट्विटर पर युवती और यातायात पुलिस को लेकर प्रतिक्रियाओं की झड़ी लग गई। कुछ यूजर्स मजाक भरे कमेंट्स भी करने लगे। मल्लिकार्जुन नाम के यूजर ने लिखा, ‘मुझे पता नहीं था कि पुलिस को अपशब्द कहना एक अपराध है।’ एक यूजर ने लिखा कि युवती को कम से कम एक रात के लिए हिरासत में रखा जाना चाहिए था ताकि उसे जीवन के लिए एक पूरा सबक मिल जाता। सोनू सिंह ने लिखा, ‘ये पापा की परी है।’

एक यूजर ने लिखा कि यह अबला नारी का क्लासिक उदाहरण है। एक यूजर ने लिखा, ‘ये पुलिस वाला बच गया, अगर ये लड़की एससी/एसटी से होती तो पुलिस का ही चालान कट जाता और जेल अलग से होती।’ केसी अरोड़ा ने लिखा, ‘सत्तारूढ़ सरकार भी सार्वजनिक व्यवस्थापक में अनुशासन लाने में हिचकिचाती है, उसे डर है कि कहीं लोकतंत्र को चोट न पहुंचे, लोकतंत्र का मतलब कमजोर सरकार नहीं, कमजोर सरकार का मतलब है प्रगति में बड़ी बाधा। सरकार क्यों नहीं समझती है?’ एसएके सिन्हा नाम के यूजर ने नसीहत दी, ‘पुलिस को यह गंभीरता से सोचना है कि क्यों वह सम्मान और नियंत्रण खो रही है।’ आयुष ने लिखा कि वह जानते हैं कि दोनों पुलिसवालों उनके रूखड़ स्वभाव के लिए जाने जाते हैं।

बता दें कि केंद्र और राज्य सरकारें लगातार यातायात नियमों के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए प्रयास कर रही हैं। कई गैर-सरकारी संगठन भी इस काम में अपनी भूमिका निभा रहे हैं लेकिन लोगों के द्वारा यातायात उल्लंघन किए जाने की खबरों का ग्राफ कम होता नहीं दिख रहा है। लोगों को यह समझना होगा कि उनकी सुरक्षा और सहूलियत के लिए ही यातायात नियम बनाए गए हैं।

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