थाईलैंड में भारत के एक योग गुरु पर 14 महिला पर्यटकों ने लगाया यौन शोषण और दुष्कर्म करने का आरोप
थाईलैंड में एक योग गुरु पर 14 महिला पर्यटकों ने यौन शोषण और दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। शुक्रवार (सात सितंबर) को गार्जियन में प्रकाशित रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपी ने कोह फांगन द्वीप स्थित अगम संस्था (तांत्रिक योग स्कूल) के योग कार्यक्रमों में वारदात को अंजाम दिया। पीड़िताओं का कहना है, “आध्यात्मिक पद्धति से उपचार करने के नाम पर हमारे साथ गलत काम किया गया।” इन महिलाओं ने इसके अलावा अगम संस्था द्वारा सेक्स रैकेट चलाने की आशंका भी जताई।
रिपोर्ट्स की मानें तो अगम की स्थापना गुरु स्वामी विवेकानंद सरस्वती ने की थी, जिसका असली नाम नारकिस तारकाऊ है। वह मूल रूप से रोमानिया का रहने वाला है। साल 2003 में उसने इस द्वीप पर अगम की स्थापना की थी। वह उससे पहले भारत के उत्तराखंड स्थित ऋषिकेष में था। यहां वीजा निरस्त कर दिए जाने के बाद वह थाईलैंड पहुंच गया था।
ये 14 पीड़िताएं ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, अमेरिका और कनाडा से ताल्लुक रखती हैं। उनके साथ दो अन्य पुरुषों ने भी संस्था पर गंभीर आरोप लगाए हैं। दावा किया है कि 15 सालों से इस संस्था में योग गुरु ने सैकड़ों महिलाओं को बरगलाया। उसने आध्यात्मिक पद्धति से महिलाओं का इलाज करने के नाम पर उनका शारीरिक शोषण और दुष्कर्म किया।
पीड़िताओं में तीन पर्यटकों का आरोप है कि तारकाऊ ने आध्यात्मिक पद्धति से इलाज के नाम पर उनके साथ दुष्कर्म किया, जबकि बाकी 11 का कहना है कि गुरु ने उन्हें अपने दफ्तर में अकेला बुलाकर यौन शोषण किया। गार्जियन से हुई बातचीत के दौरान पीड़िताओं ने कहा, “हो सकता है कि अगम के केंद्र पर चोरी-छिपे जिस्मफरोशी का धंधा भी चलाया जाता हो।”
सूत्रों के मुताबिक, जुलाई में कई महिलाओं ने तारकाऊ के खिलाफ इस संबंध में आवाज उठाई थी, जिसके बाद से उसका यहां कोई अता-पता नहीं है। वहीं, संस्था ने इस बाबत माफीनामा जारी किया। अगम की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “लोग अगम को जानबूझकर बदनाम कर रहे हैं और झूठ बोल रहे हैं, जो कि देश में अपराध है।”