तेलंगाना: केसीआर का दोहरा झटका, कांग्रेस सन्न! 105 उम्मीदवार मैदान में उतारे
तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के अध्यक्ष और तेलंगाना के कार्यवाहक मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने एक कदम और बढ़ाते हुए कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों को सन्न कर दिया है। एक दिन पहले ही विधान सभा भंग करने की सिफारिश करनेवाले चंद्रशेखर राव ने आज (शुक्रवार, 07 सितंबर) को पार्टी के 105 उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया है। हालांकि, अभी तक चुनाव आयोग ने वहां चुनाव कराने की तारीखों पर कोई फैसला नहीं किया है लेकिन उससे पहले ही केसीआर ने राजनीतिक दांव खेलते हुए अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं। केसीआर की इस चाल से माना जा रहा है कि वो राज्य में वापसी को लेकर आश्वस्त हैं। बता दें कि तेलंगाना विधानसभा में कुल 119 सीटें हैं। 2014 के विधान सभा चुनाव में टीआरएस को 63 सीटें मिली थीं।
पार्टी ने अपने दो मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया है। इनमें चेन्नूर से एन ओडेलू और अंधोले से बाबू मोहन शामिल हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इन्हें दूसरी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव खुद गजवेल क्षेत्र से फिर चुनाव लड़ेंगे जबकि उनके बेटे और राज्य के आईटी मंत्री केटी रामाराव सिरसिला से चुनाव लड़ेंगे। सीएम के भतीजे टी हरीश राव सिद्दिपेट से चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले कहा जा रहा था कि सीएम की बेटी और निजामाबाद से सांसद कविता कलवकुंतला को भी विधान सभा चुनाव लड़ाया जाएगा लेकिन 105 लोगों की लिस्ट में उनका नाम नहीं है। केसीआर ने मेडचल, मलकाजगिरी, चोप्पाडांडी, वारंगल पूर्वी और विकराबाद से उम्मीदवारों का एलान नहीं किया है। आशंका जताई जा रही है कि वहां पिछले चुनाव में खड़े उम्मीदवारों को बदला जा सकता है। इस बीच खबर है कि चुनाव आयोग की टीम वहां 11 सितंबर को जाएगी और चुनाव से जुड़ी तैयारियों की समीक्षा करेगी।
तेलंगाना कांग्रेस को शुक्रवार को एक और झटका लगा जब पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष के आर सुरेश रेड्डी ने टीआरएस का दामन थाम लिया। चंद्रशेखर राव के मंत्री बेटे टी रामा राव और पार्टी के अन्य नेताओं ने रेड्डी से मुलाकात कर उन्हें तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। रेड्डी ने कहा कि उन्होंने टीआरएस शासन में जारी विकास की प्रक्रिया में योगदान देने के लिए टीआरएस में शामिल होने का निर्णय लिया।