जरूरी फाइलें सीधे उपराज्यपाल के पास भेजे जाने से केजरीवाल नाराज

दिल्ली में अधिकारों की लड़ाई को लेकर उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच की पुरानी तनातनी फिर से जोर पकड़ रही है।सरकार के आला नौकरशाहों की ओर जरूरी फाइलें सीधे राजनिवास को भेजे जाने से नाराज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल को चिट्ठी लिखकर विरोध दर्ज कराया है। दूसरी ओर उन्होंने सरकारी अस्पतालों में कर्मचारियों की कमी का हवाला देते हुए यह मांग भी की है कि खाली पदों को प्राथमिकता के तौर पर भरा जाए। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को भी निर्देश दिया है कि वे सरकारी अस्पतालों में जीवनरक्षक प्रणाली की उपलब्धता सुनिश्चित करें ताकि इसकी कमी से होने वाली मौतों को रोका जा सके। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने उपराज्यपाल को भेजे पत्र में कहा है कि दिल्ली के अस्पतालों में खाली पड़े पदों पर तदर्थ नियुक्ति से संबंधित एक फाइल सरकार के आला अधिकारियों द्वारा राजनिवास को भेजी गई है।

उन्होंने लिखा है कि अधिकारियों ने इस फाइल को भेजने से पहले न तो उनसे कोई पूछताछ की और न ही स्वास्थ्य मंत्री जैन के पास फाइल भेजी। केजरीवाल ने उपराज्यपाल से इस फाइल को वापस भेजने की मांग की है ताकि फाइल पर उनकी राय भी लिखी जा सके। मुख्यमंत्री ने उपराज्यपाल बैजल को याद दिलाया है कि नियुक्तियों और तबादले की प्रक्रिया को अमल में लाने वाला सेवा विभाग उनके पास है, लिहाजा उन्हें अस्पतालों में कर्मचारियों की कमी के मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए। उनका कहना है कि अस्पताल में एक्स-रे, सीटी स्कैन और एमआरआइ की मशीनें तो हैं, लेकिन इन्हें चलाने वाले कर्मचारी नहीं हैं। यह स्थिति मरीजों के लिए परेशानी खड़ी कर रही है। लिहाजा उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि जब तक खाली पड़े पदों पर स्थाई नियुक्ति नहीं हो जाती, तब तक तदर्थ आधार पर नियुक्तियां की जाएं।

मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री जैन से भी कहा है कि वे सभी सरकारी अस्पतालों में जीवनरक्षक प्रणाली की उपलब्धता सुनिश्चित कराएं, ताकि गंभीर मरीजों की जान बचाई जा सके। दिल्ली सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने जैन से एक हफ्ते के भीतर जीवनरक्षक प्रणाली की उपलब्धता को लेकर कार्य योजना पेश करने को कहा है।

 

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