312 रुपए को चूक से महिला को लगाना पड़ा 41 सालों तक अदालत के चक्कर, 11 जजों से होकर गुजरी फाइल
देश में कानूनी मामलों के सालों-साल तक चलने की खबरें आए दिन सुनने को मिलती हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में सिर्फ 312 रुपए के एक मामले में महिला को 41 सालों तक अदालत के चक्कर लगाने पड़े। शुक्रवार को अदालत ने इस मामले की गड़बड़ी पकड़ी और इसके बाद मुकदमे का निस्तारण हो सका। जिसके बाद वृद्ध महिला ने राहत की सांस ली। खबर के अनुसार, साल 1975 में मिर्जापुर शहर कोतवाली क्षेत्र में बदली कटरा गिरधर का चौराहा इलाके की निवासी गंगा देवी के मकान की कुर्की के आदेश हुए थे। प्रशासन के इस आदेश के खिलाफ गंगा देवी ने सिविल जज की अदालत में मामला दाखिल कराया था।
इसके बाद साल 1977 में कोर्ट ने गंगा देवी को कोर्ट फीस के रुप में 312 रुपए जमा करने का आदेश दिया था। नवभारत टाइम्स की एक खबर के अनुसार, गंगा देवी ने उसी समय कोर्ट फीस के रुप में 312 रुपए जमा कर दिए थे, जिसके बाद कोर्ट ने मामले का निस्तारण भी कर दिया था। हालांकि अदालत के इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने सेशन कोर्ट में अपील की। कोर्ट ने इस अपील पर सुनवाई के बाद अपील को खारिज कर पत्रावली अधीनस्थ न्यायालय को भेज दी थी। लेकिन क्लर्क की गलती के चलते कोर्ट फीस जमा करने की बात दस्तावेजों में दर्ज नहीं हो पायी थी। जिसके चलते मामला पिछले 41 वर्षों से अदालत में चलता रहा। इस दौरान 11 जजों के सामने से महिला के केस की फाइल गुजरी, लेकिन कोई भी इस गलती को नहीं पकड़ पाया।
इस मुकदमे की पैरवी करते करते गंगा देवी बूढ़ी हो गईं और अब उनकी उम्र करीब 80 साल की हो गई है। लेकिन इतने सालों तक अदालत के चक्कर काटने के बाद भी इस मामले का निस्तारण नहीं हो सका था। अब यह मामला सिविल जज लवली जायसवाल की कोर्ट में पहुंचा, जब जज को पता चला कि गंगा देवी पिछले इतने सालों से अदालत के चक्कर काट रही हैं, तो उन्होंने पत्रावली का निरीक्षण किया और गलती पकड़ी। गलती पकड़ने के साथ ही शुक्रवार को इस मुकदमे का भी निस्तारण कर दिया गया। 41 सालों तक अदालत चक्कर लगाने के बाद गंगा देवी ने मामला निपटने पर राहत की सांस ली और जज को खूब दुआएं दीं।