दो दिन में 5 लाख करोड़ रुपये डूबे, रुपये के टूटने से लड़खड़ाया शेयर मार्केट
नई दिल्ली: डॉलर के मुकाबले कमजोर होते रुपये का असर देश की अर्थव्यवस्था पर साफ दिखाई दे रहा है. शेयर बाजारों में गिरावट से दो दिन के भीतर ही निवेशकों के 5 लाख करोड़ रुपये डूब गए हैं. दो दिन में बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 1,357 अंक टूटा है. गुरुवार को बाजार में जोरदार बिकवाली का सिलसिला चला. सेंसेक्स 806 अंक टूटकर 35,169 अंक पर आ गया. रुपया अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंचा जबकि कच्चा तेल 86 डॉलर प्रति बैरल को पार गया. बुधवार को सेंसेक्स 550.51 अंक टूटा था.
बाजार में जोरदार गिरावट से बंबई शेयर बाजार की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण दो दिन में 5,02,895.97 करोड़ रुपये घटकर 1,40,39,742.92 करोड़ रुपये पर आ गया है.
गुरुवार को शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई. प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 806.47 अंकों की गिरावट के साथ 35,169.16 पर और निफ्टी 259.00 अंकों की गिरावट के साथ 10,599.25 पर बंद हुआ. स्वास्थ्य सेवा, सूचना प्रौद्योगिकी, तेल एवं गैस, बैंकिंग और वाहन कंपनियों के शेयरों में बिकवाली का सिलसिला चलने से बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 155.1 अंकों की गिरावट के साथ 35,820.53 पर खुला और 806.47 अंकों या 2.24 फीसदी गिरावट के साथ 35,169.16 पर बंद हुआ. दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 35,820.53 के ऊपरी और 35,022.12 के निचले स्तर को छुआ.
यह सेंसेक्स को दो जुलाई के बाद का सबसे निचला स्तर है. उस दिन सेंसेक्स 35,264.41 अंक पर बंद हुआ था. सेंसेक्स के 30 में से छह शेयरों में तेजी रही. आईसीआईसीआई बैंक (4.07 फीसदी), एक्सिस बैंक (2.70 फीसदी), एलटी (1.18 फीसदी), यस बैंक (1.08 फीसदी) और एम एंड एम (0.52 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही. सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में रिलायंस (7.03 फीसदी), हीरो मोटो कॉर्प (5.45 फीसदी), टीसीएस (4.54 फीसदी), अडानी पोर्ट्स (4.17 फीसदी) और ओएनजीसी (3.74 फीसदी) प्रमुख रहे.
शेयर बाजारों में जोरदार गिरावट का सिलसिला रुपये के लगातार कमजोर होने से कायम रहा. अंतर बैंक विदेशी विनिमय बाजार में रुपया दिन में कारोबार के दौरान 73.81 प्रति डॉलर के अपने नए सर्वकालिक निचले स्तर तक आ गया.
कच्चा तेल 86 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को पार गया जिससे बाजार में जोरदार बिकवाली का सिलसिला चला. इसके अलावा निवेशक भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों के इंतजार में भी सतर्क है. मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजे शुक्रवार को आएंगे. ब्रोकरों ने कहा कि अन्य एशियाई बाजारों में कमजोरी के रुख और अमेरिका में ब्याज दर बढ़ने तथा बेहतर आर्थिक आंकड़ों से यह आशंका बनी है कि निवेशक दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका की ओर रुख कर सकते हैं.