भारत को 77.7 करोड़ डॉलर में मिसाइल रक्षा प्रणाली की आपूर्ति करेगा इजरायल

यरूशलम: भारत ने अपनी नौसेना के सात पोतों के वास्ते बराक 8 एल आर-एस ए एम हवाई एवं मिसाइल रक्षा प्रणाली की आपूर्ति के लिए एक अग्रणी इस्राइली रक्षा कंपनी को एक और सौदा दिया है. यह घोषणा संबंधित कंपनी ने बुधवार को की. लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एल आर-एस ए एम) प्रणाली एक परिचालित हवाई एवं मिसाइल रक्षा (ए एम डी) प्रणाली है जिसे इजरायल की नौसेना और भारत की नौसेना, जमीनी एवं हवाई बल इस्तेमाल करते हैं.

इजरायल एरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) ने कहा कि ताजा सौदे के साथ ही भारत और इजरायल द्वारा संयुक्त रूप से विकसित तथा रक्षा क्षेत्र में मजबूत द्विपक्षीय संबंधों की प्रतीक बराक 8 प्रणाली पिछले कुछ वर्षों में छह अरब डॉलर के कारोबार को पार कर गई है. प्रणाली हवाई क्षेत्र, समुद्र या जमीन से समुद्री क्षेत्र को बड़े खतरे के विरुद्ध व्यापक हवाई एवं सटीक रक्षा उपलब्ध कराती है.

प्रणाली डिजिटल रडार, कमान और नियंत्रण, लॉंचर, आधुनिक रेडियो फ्रीक्वेंसी युक्त इंटरसेप्टर, डेटा लिंक और प्रणाली-व्यापक कनेक्टिविटी जैसी कई अत्याधुनिक प्रणालियों से लैस है.

विमान, हेलीकॉप्टर, ड्रोन और प्रक्षेपकों सहित कम से लेकर लंबी दूरी तक के हवाई खतरों से रक्षा के लिए तैयार की गई बराक-8 में अत्याधुनिक चरणबद्ध मल्टी मिशन रडार, टू वे डेटा लिंक और आसान कमान एवं नियंत्रण प्रणाली लगी है जो इस्तेमाल करने वालों को दिन और रात तथा सभी मौसम परिस्थितियों में एक साथ कई लक्ष्यों को नष्ट कर देने में सक्षम बनाती है.

इस मिसाइल रक्षा प्रणाली का विकास संयुक्त रूप से आई ए आई, भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), इजरायल की एडमिनिस्ट्रेशन फॉर द डेवलपमेंट ऑफ वेपंस एंड टेक्नोलॉजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर, एल्टा सिस्टम्स, राफेल और भारत की कुछ अन्य रक्षा कंपनियों ने किया है.

आईएआई द्वारा घोषित नया समझौता नई दिल्ली की भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के साथ हुआ है जो परियोजना में मुख्य संविदाकार के रूप में काम कर रही है.

इजरायल के रक्षा मंत्री एविगडोर लिबरमैन ने टि्वटर पर कहा,‘इजरायल एरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) और रक्षा प्रतिष्ठान को भारत को बराक-8 की बिक्री से जुड़े व्यापक कारोबार पर बधाई.’ उन्होंने कहा कि सौदा इस बात का ‘सबूत है कि सुरक्षा एक निवेश है, न कि व्यय.’ लिबरमैन ने कहा कि आई ए आई एक राष्ट्रीय परिसंपत्ति है जिसे बनाए रखा जाना चाहिए और मजबूत किया जाना चाहिए.

आईएआई के मुख्य कार्याधिकारी और अध्यक्ष निम्रोद शेफर ने कहा,‘भारत के साथ आईएआई की भागीदारी वर्षों पुरानी है और इसका परिणाम संयुक्त प्रणाली विकास एवं उत्पादन के रूप में निकला है. आई ए आई के लिए भारत एक बड़ा बाजार है और भारत में अपनी मौजूदगी को मजबूत करने की हमारी योजना है, बढ़ती प्रतिस्पर्धा के मद्देनजर भी.’

सिस्टम्स, मिसाइल्स एंड स्पेस ग्रुप के कार्यकारी उपाध्यक्ष एवं महाप्रबंधक बोआज लेवी ने कहा,‘इस सौदे के साथ पिछले कुछ वर्षों में बराक 8 की बिक्री छह अरब डॉलर से अधिक के कारोबार को पार कर गई है. यह इस अत्याधुनिक हथियार प्रणाली की क्षमताओं का एक और साक्ष्य है जो आई ए आई के लिए प्रमुख वृद्धि साधन के रूप में काम करता है.’ इजरायल को पिछले साल अपने इतिहास में भारतीय थलसेना और नौसेना के लिए मिसाइल रक्षा प्रणाली का दो अरब डॉलर का सबसे बड़ा सौदा मिला था.

इसके कुछ महीने बाद बीईएल के सहयोग से भारतीय नौसेना के चार पोतों के लिए सतह से हवा में मार करने वाली बराक 8 मिसाइल प्रणाली का 63 करोड़ डॉलर का एक और सौदा मिला था.

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