BHU की घटना के विरोध में AMU की छात्राओं का प्रदर्शन, कहा- बहनों को अकेला नहीं छोड़ेंगे
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की छात्राओं ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में हुई घटना के विरोध में प्रदर्शन किया ।
प्रदर्शनकारी छात्राएं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की छात्राओं के साथ हुई कथित पुलिस ज्यादती के विरोध में कल सड़कों पर उतरीं और नारेबाजी की । प्रदर्शनकारी छात्राओं के एक प्रतिनिधि ने बताया कि हमने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर इस प्रकरण में हस्तक्षेप का आग्रह किया है । उन्होंने कहा कि एएमयू की छात्राएं इस समय सदमे से गुजर रहीं बीएचयू की अपनी बहनों को कभी अकेला नहीं छोड़ेंगी । ज्ञापन में कहा गया कि बीएचयू के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के बजाय राज्य प्रशासन मामले को रफा दफा करने में लगा है ।
प्रदर्शनकारियों ने ज्ञापन जिला प्रशासन के एक अधिकारी को सौंपा ताकि वह इसे राष्ट्रपति को भेज सकें ।
वहीं कांग्रेस पार्टी की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के नेतृत्व में सोमवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में छात्राओं पर हुई पुलिस की कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। बीएचयू की ये छात्राएं वाराणसी में बीएचयू परिसर में एक छात्रा के साथ कथित छेड़छाड़ के विरोध में प्रदर्शन कर रही थीं। दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों ने छात्राओं पर शनिवार रात पुलिस के लाठीचार्ज के बाद उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने पर असफल रहने पर प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आलोचना की।
एनएसयूआई समर्थकों ने मोदी और योगी विरोधी नारेबाजी के बीच संवाददाताओं को बताया, “मोदी ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसे अभियान चला रहे हैं लेकिन मुझे बताइए कि जब पुलिस ही शांतिपूर्ण ढंग से हो रहे प्रदर्शन को खत्म करने के लिए इस तरह के हथकंडों का इस्तेमाल करे तो छात्राएं कैसे सुरक्षित रहेंगी। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि वे दिल्ली में मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर कूच करेंगे।
बीएचयू में शनिवार को प्रदर्शन कर रही छात्राओं पर पुलिसकर्मियों द्वारा लाठीचार्ज करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों में रोष है। बीएचयू को दो अक्टूबर तक के लिए बंद कर दिया गया है और ऐसी भी खबरें हैं कि प्रदर्शन कर रही छात्राओं को छात्रावास खाली करने के आदेश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने घटना के मोबाइल फोन वीडियो की जांच के आदेश दिए हैं।