रफाल डील में सरकार की नई दलील- CAG की रिपोर्ट से गायब थे 3 पेज, सुप्रीम कोर्ट में फैसला सुरक्षित
सुप्रीम कोर्ट में रफाल लड़ाकू विमान सौदे में कथित घोटाले पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से गुरुवार को अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल कोर्ट में पेश हुए। वेणुगोपाल ने बताया कि कैग (काग) की जो रिपोर्ट पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई थी, उसमें शुरुआती तीन पेज शामिल नहीं थे। अटॉर्नी जनरल की इस दलील पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने हैरानी जताई है। लंबी बहस के बाद कोर्ट ने लीक दस्तावेजों को लेकर केंद्र के विशेषाधिकार के दावे पर फैसला सुरक्षित रखा।
वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार भी चाहती है कि सीएजी रिपोर्ट के पहले तीन पन्ने भी कोर्ट में ऑन रिकॉर्ड दस्तावेज के तौर पर शामिल किए जाएं। बता दें कि एक दिन पहले ही केंद्र सरकार ने इस मामले में एक हलफनामा जमा कर कोर्ट से कागजात लीक करनेवालों को दंड देने की गुजारिश की थी। फिलहाल कोर्ट ने उस पर फैसला नहीं सुनाया है।
Rafale deal review petitions case: Attorney General KK Venugopal says Supreme Court should direct removal of the leaked pages from the review petitions as the government claims privilege over these documents pic.twitter.com/UIGd4hkBj9
— ANI (@ANI) March 14, 2019
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (14 मार्च) को स्पष्ट किया कि राफेल लड़ाकू विमान सौदे के तथ्यों पर गौर करने से पहले वह केन्द्र सरकार द्वारा उठाई गयी प्रारंभिक आपत्तियों पर फैसला करेगा। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने शीर्ष अदालत के आदेश पर पुर्निवचार का अनुरोध करने वाले याचिकाकर्ताओं से कहा कि पहले वह लीक हुए दस्तावेजों की स्वीकार्यता के बारे में प्रारंभिक आपत्तियों पर ध्यान दें। पीठ ने कहा, ‘‘केन्द्र द्वारा उठाई गयी प्रारंभिक आपत्तियों पर फैसला करने के बाद ही हम मामले के तथ्यों पर गौर करेंगे। ’’