क्या मुंबई पुल हादसे में ऑडिट भी फेल हो गई?
नई दिल्ली : दक्षिण मुंबई के सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस से डीएन रोड तक जाने वाले फुटओवर पुल के ढहने के बाद कई सारे सवाल खड़े हो रहे हैं. इसी बीच इस बात का खुलासा हुआ है कि कुछ ही दिनों पहले इस ब्रिज की संरचना का असेसमेंट हुआ था. इस असेसमेंट में पुल की संरचना और इसकी कंडीशन को सही बताया गया था.
गुरुवार को हुए इस हादसे में 6 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 33 लोग घायल हैं. घायलों को सेंट जॉर्ज और जीटी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. पुलिस ने बताया कि यह पुल भीड़-भाड़ वाले छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस रेलवे स्टेशन को आजाद मैदान पुलिस थाना से जोड़ता था.
मुख्यमंत्री ने इस हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि उन्होंने इस हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि इस पुल का स्ट्रक्चरल ऑडिट किया गया था जिसमें इसे फिट पाया गया था. इसके बाद भी अगर यह हादसा हुआ हुआ है तो यह ऑडिट पर गंभीर सवाल खड़ा करता है. जांच की जाएगी और सख्त एक्शन लिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने बताया कि हादसे में मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए मुआवजा देने का फैसला किया है. इसके साथ ही घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने का फैसला किया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य घायलों को पूरा इलाज उपलब्ध कराएगी.
पुलिस ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) और भारतीय रेलवे के अधिकारियों के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है. बीएमसी आपदा नियंत्रण ने कहा, “पिछले 18 महीनों में शहर में फुटओवर ब्रिज गिरने गिरने की यह तीसरी घटना है। यह घटना गुरुवार शाम 7.35 पर तब घटी, जब पुल पर जरूरत से ज्यादा लोगों का वजन बढ़ गया.”
कांग्रेस ने मुंबई में एक फुटओवर पुल के ढहने की घटना पर दुख जताया और कहा कि बार बार हो रहे इस तरह के हादसों की जिम्मेदारी लेते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल को इस्तीफा देना चाहिए या फिर उन्हें बर्खास्त किया जाए. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि मुंबई ब्रिज हादसे के बारे में सुनकर दुख हुआ. मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं. उन्होंने कहा, ‘आशा करता हूं कि प्रशासन त्वरित कदम उठाएगा और घायलों को तत्काल चिकित्सा मदद मुहैया कराएगा.’ उन्होंने हाल के कुछ वर्षो में फुटओवर पुलों के ढहने की घटनाओं का हवाला देते हुए आरोप लगाया, ‘बार बार हो रहे इस तरह के हादसों के लिए मोदी सरकार और महाराष्ट्र सरकार जिम्मेदार है.’