करतारपुर कॉरिडोर पर पाकिस्तान का दोहरा चरित्र! पाक रेलमंत्री का विवादित बयान
नई दिल्ली/चंडीगढ़: पाकिस्तान ने करतारपुर (Kartarpur corridor) के ऐतिहासिक सिख धर्मस्थल की यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या सीमित करने की बात कही है. भारत ने दोनों देशों के अधिकारियों की बैठक के दौरान रोजाना 5000 तीर्थयात्रियों को बिना वीजा के पाकिस्तान में करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने देने की मांग की थी. पाकिस्तान ने कहा है कि वह एक दिन में सिर्फ 500-700 तीर्थयात्रियों को इज़ाजत देगा. कॉरिडोर में वीज़ा फ्री एंट्री हो विशेष परमिट के बिना संभव नहीं है. पाकिस्तान ने कहा है कि 15-15 के ग्रुप में ही जाना होगा. पैदल दर्शन की अनुमति नहीं होगी. पाकिस्तान ने इस कॉरिडोर के लिए केवल 2 साल के लिए एमओयू करने को तैयार हुआ है.
पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर के बहाने खालिस्तानी आतंकवाद भड़काने की साज़िश रच रहा है. पाकिस्तान के रेलमंत्री शेख राशिद ने विवादित बयान दिया है. शेख ने करतारपुर का नाम ख़ालिस्तान स्टेशन रखने की मांग की है.
मलिक ने यहां जारी एक बयान में कहा, ‘पाकिस्तान अब प्रस्तावित गलियारा सुविधा पर कई बंदिशें लगाने का प्रयास कर रहा है, जिनमें तीर्थयात्रियों की संख्या सीमित कर रोजाना 500 करना, यात्रियों को पैदल यात्रा नहीं करने देना, विशेष परमिट जारी करना आदि शामिल हैं.’
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को तीर्थयात्रियों को इस सिख धर्मस्थल की निर्बाध यात्रा के लिए भारत की कोशिशों पर सकारात्मक रुख अपनाना चाहिए. राज्यसभा सदस्य मलिक ने कहा, ‘पाकिस्तान इस तथ्य से अनजान है कि गुरु नानक का यहां और विदेश में लोगों के बीच सार्वभौमिक अपील है. भारत सरकार ने तीर्थयात्रियों की (इस तीर्थस्थल की यात्रा सुगम बनाकर) दीर्घकालिक आकांक्षा पूरी करने की गंभीर कोशिश की है, लेकिन पाकिस्तान इस कदम में पलीता लगाने की कोशिश कर रहा है.’
पंजाब भाजपा के अध्यक्ष श्वेत मलिक ने करतारपुर के ऐतिहासिक सिख धर्मस्थल की यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या सीमित करने की कोशिश को लेकर शुक्रवार को पाकिस्तान को खरी-खोटी सुनाई. भारत ने दोनों देशों के अधिकारियों की बैठक के दौरान रोजाना 5000 तीर्थयात्रियों को बिना वीजा के पाकिस्तान में करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने देने की मांग की थी.
मलिक ने यहां जारी एक बयान में कहा, ‘पाकिस्तान अब प्रस्तावित गलियारा सुविधा पर कई बंदिशें लगाने का प्रयास कर रहा है जिनमें तीर्थयात्रियों की संख्या सीमित कर रोजाना 500 करना, यात्रियों को पैदल यात्रा नहीं करने देना, विशेष परमिट जारी करना आदि शामिल हैं.’
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को तीर्थयात्रियों को इस सिख धर्मस्थल की निर्बाध यात्रा के लिए भारत की कोशिशों पर सकारात्मक रुख अपनाना चाहिए.
राज्यसभा सदस्य मलिक ने कहा, ‘पाकिस्तान इस तथ्य से अनजान है कि गुरु नानक का यहां और विदेश में लोगों के बीच सार्वभौमिक अपील है. भारत सरकार ने तीर्थयात्रियों की (इस तीर्थस्थल की यात्रा सुगम बनाकर) दीर्घकालिक आकांक्षा पूरी करने की गंभीर कोशिश की है लेकिन पाकिस्तान इस कदम में पलीता लगाने की कोशिश कर रहा है.’