नेशनल कांफ्रेंस का दिखा ‘पाकिस्तान प्रेम’, कहा- ‘मैं उनका आशिक हूं’
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर की राजनीतिक पार्टी नेशनल कांफ्रेंस के नेता अकबर लोन ने कुपवाड़ा में दिए गए चुनावी भाषण में पाकिस्तान प्रेम को जाहिर किया है. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक अकबर लोन ने कहा, ‘मेरा पार वाला वो मुसलमान मुल्क(पाकिस्तान) है, वो आबाद रहे, वो कामयाब रहे, हमारी और उनकी दोस्ती बढ़े, पाक और हिन्दुस्तान की दोस्ती आपस में रहे, उस दोस्त का मैं आशिक हूं. अगर उनको कोई गाली देगा तो मैं उनको यहां से 10 गाली दूंगा.’
यहां गौर करने वाली बात यह है कि नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता फारुख अब्दुल्ला भी लगातार पाकिस्तान से बातचीत की पैरोकारी करते रहते हैं. हाल ही में भारतीय वायुसेना की ओर से पाकिस्तान की सीमा में घुसकर की गई एयर स्ट्राइक पर भी नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला सवाल उठा चुके हैं.
मालूम हो कि जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने लोकसभा चुनाव 2019 (Lok sabha elections 2019) के लिए अपने गठबंधन का ऐलान किया. वे क्रमश: दो और एक सीट पर लड़ेंगे जबकि तीन सीटों पर ‘दोस्ताना मुकाबला’ करेंगे.
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने यहां संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस जम्मू और उधमपुर सीट पर लड़ेगी जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस श्रीनगर सीट पर लड़ेगी.
अब्दुल्ला ने कहा कि इन तीन सीटों के अलावा दोनों पार्टियां अनंतनाग और बारामूला और लद्दाख सीट पर दोस्ताना मुकाबला करेंगी.
उन्होंने कहा, ‘मैं श्रीनगर सीट से चुनाव लड़ूंगा. हमने कुछ दिया है और कुछ लिया है. इसलिए किसी को भी यह भ्रम नहीं होना चाहिए कि बातचीत के दौरान एक पार्टी जीती है या दूसरी हारी है.’
आजाद ने कहा कि दोस्ताना मुकाबले का मतलब यह है कि हम एक-दूसरे के खिलाफ तल्खी नहीं दिखाएंगे और प्रतिद्वंद्वियों को शिकस्त देने के लिए संयुक्त प्रयास करेंगे. भले ही नेशनल कॉन्फ्रेंस जीते या हम, इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर और कांग्रेस महासचिव अंबिका सोनी भी संवाददाता सम्मेलन में मौजूद थी. जम्मू कश्मीर में लोकसभा की छह सीटें हैं. आजाद ने कहा कि जम्मू में अगर दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़तीं तो इससे बीजेपी को फायदा होता जबकि कश्मीर में अगर अलग-अलग लड़ते हैं तो मतों का अंतरण होना मुश्किल है.
उन्होंने कहा कि अनंतनाग और बारामूला में हमारे कुछ विधायक हैं और (दोस्ताना मुकाबले के जरिए) हम अपनी जमीन बचाए रखने में सक्षम होंगे. प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ हमारी लड़ाई संयुक्त प्रयास है.
आजाद ने पत्रकारों से कहा, ‘गठबंधन को राष्ट्रीय हित में अंतिम रूप दिया गया है और यह जम्मू कश्मीर में धर्मनिरपेक्ष ताकतों को मजबूत करेगा क्योंकि राज्य पाकिस्तान से खतरे का सामना कर रहा है.’
राज्यसभा सदस्य ने कहा कि वह खुद और उनकी पार्टी के अन्य नेता श्रीनगर निर्वाचन क्षेत्र में अब्दुल्ला के लिए प्रचार करेंगे. उन्होंने कहा, ‘जियो और जीने दो. यह राष्ट्रीय हित में लिया गया बेहतरीन फैसला है. चाहे कांग्रेस जीते या नेशनल कॉन्फ्रेंस यह दोनों की ही जीत होगी.’ आजाद ने कहा कि गठबंधन का मकसद धर्मनिरपेक्ष मतों को बंटने से रोकना और बीजेपी को लाभ नहीं होने देना है.
वहीं, अब्दुल्ला ने राष्ट्र के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बनाए रखने के लिए कांग्रेस से उदारता दिखाने और समान विचारधारा वाली पार्टियों से संपर्क करने की अपील की. उन्होंने कांग्रेस से कहा, ‘हमें अपना देश धर्मनिरपेक्ष रखना है.’
अब्दुल्ला ने कहा कि देश पाकिस्तान और पड़ोसी देशों से खतरा महसूस कर रहा है और जम्मू कश्मीर के सरहदी इलाकों में रहने वाले लोग भारत व पाकिस्तान के बीच दुश्मनी से ज्यादा प्रभावित हैं. अगर दोनों देशों के बीच अमन होता है तो उसके पहले लाभार्थी राज्य के लोग होंगे.
उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्ष पार्टियों को साथ आने की जरूरत है क्योंकि सांप्रदायिक ताकतें सिर्फ पाकिस्तान, चीन और राष्ट्र के हमारे दुश्मनों को मजबूत करती है और देश को अंदर से कमजोर करती हैं.’ आजाद ने कहा कि सांप्रदायिक भारत किसी भी देश का सामना नहीं कर सकता है जबकि धर्मनिरपेक्ष भारत दुनिया में किसी भी देश से लड़ सकता है.
आजाद ने कहा कि वे बीजेपी के लिए काम नहीं कर रहे हैं. हमारा पांच या छह स्थानों पर समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ गठबंधन है जबकि बीजेपी का 40 से ज्यादा स्थानों पर गठबंधन है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वंशवादी राजनीति की आलोचना करने पर आजाद ने कहा, ‘अगर किसी के पास परिवार नहीं है तो वो क्या करेगा?’ अब्दुल्ला ने भी वंशवाद की आलोचना को खारिज किया और कहा कि अगर लोग वोट नहीं दें तो कोई भी सत्ता में नहीं आ सकता है.
उधर, बीजेपी प्रवक्ता ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) अनिल गुप्ता ने पत्रकारों से कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस का गठबंधन एक छलावा है और जम्मू के लिए सजग होने का समय है.
उन्होंने कहा कि ‘कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के आगे न सिर्फ समर्पण किया है बल्कि अलगाववादी समर्थक, कश्मीर केंद्रित, सांप्रदायिक पार्टी के विभाजनकारी एजेंडे को मान लिया है.