बीएचयू: यहां लड़कियों को छेड़ना कहलाता है- ‘लंकेटिंग’

बनारस स्थित बीएचयू में छात्राओं के साथ छेड़खानी, कमेंट्स और उनपर गंदी टिप्पणियां कैम्पस लाइफ का हिस्सा बन चुकी है। कई छात्राओं ने इसे रोज की रुटीन का हिस्सा मान लिया है और वे इसे सहन करती हैं, नजरअंदाज करती हैं। कुछ मुखर लड़कियां इस अत्यातार के खिलाफ आवाज भी उठाती हैं। लेकिन बीएचयू कैंपस के आस-पास ये घटनाएं रोजाना की जिंदगी में शामिल हो चुकी हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक बीएचयू कैंपस में लड़कियों की छेड़खानी के लिए शोहदों ने बकायदा एक टर्म बना लिया है और इसे ‘लंकेटिंग’ के नाम से जाना जाता है। ‘लंकेटिंग’ शब्द बीएचयू के सिंह द्वार गेट के पास स्थित लंका बाजार के नाम पर बना है। बीएचयू कैंपस के आसपास घुमने वाले गुंडे किस्म के लोग लड़कियों को तंग और परेशान करने के लिए ‘लंकेटिंग’ शब्द का इस्तेमाल करते हैं।

लंका बाजार में कैफे, नाश्ते की दुकानें और बड़ी संख्या में कपड़े की दुकाने हैं। इन इलाकों में बाइक पर सवार लफंगे छात्राओं और महिलाओं का पीछा करते, उन पर अश्लील कमेंट्स करते नजर आ जाएंगे। बीएचयू के एक मात्र वूमेंस कॉलेज महिला महाविद्यालय के आस पास भी ऐसे सड़क छाप मजनुओं की भरमार दिखती है। इन घटनाओं की वजह से इस इलाके में अक्सर झगड़े और मार पीट होते रहते हैं। नाम ना बताने की शर्त पर एक छात्रा ने कहा कि जब भी हम इस बाजार की ओर जाते हैं हम ग्रुप बनाकर निकलते हैं या फिर अपने साथ किसी लड़के को जाने कहते हैं। इन इलाकों में छेड़खानी की आशंका हर वक्त रहती है। कुछ और छात्राओं का कहना है कि वे ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त कर जाती हैं, क्योंकि इन वाकयों को रिपोर्ट करने पर उलटे बदनामी का खतरा रहता है।

 

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