भारतीय अथॉरिटी ने लंदन कोर्ट से कहा: नीरव मोदी ने गवाह को जान से मारने की धमकी दी थी
लंदन: भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. दरअसल शुक्रवार को नीरव मोदी दूसरी बार जमानत की याचिका लेकर वेस्टमिंस्टर की मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष शुक्रवार को पेश हुआ. इसी सुनवाई के दौरान भारत की ओर से कोर्ट को बताया गया कि नीरव मोदी को जमानत देना खतरनाक है. वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है. इतना ही नहीं वह गवाहों को धमकी भी दे चुका है.
भारतीय प्राधिकरण की तरफ से क्राउन प्रॉसेक्यूशन सर्विस के टॉबी कैडमैन ने लंदन की कोर्ट को बताया कि नीरव मोदी ने एक गवाह आशीष लाड को धमकाया था. साथ ही जान से मारने की धमकी भी दी थी. कैडमैन ने कोर्ट को बताया कि नीरव मोदी भारतीय एजेंसियों के साथ सहयोग नहीं कर रहा है. भारत की ओर से नीरव मोदी की जमानत याचिका का विरोध किया गया.
इससे पहले क्राउन प्रोसेक्यूशन सर्विस ने भारतीय प्राधिकरण की ओर से अदालत में अतिरिक्त सबूतों के दस्तावेज पेश किए. मुख्य मजिस्ट्रेट एम्मा अर्बथनॉट ने इस बारे में टिप्पणी की, ‘यह महज कुछ कागजों वाली बड़ी फाइल है.’ अर्बथनॉट ने ही पिछले साल दिसंबर में विजय माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश दिया था.
नीरव मोदी के वकीलों ने सुनवाई से पहले कहा कि वे प्रभावी जमानत याचिका पेश करने की कोशिश करेंगे. इससे पहले जिला न्यायाधीश मैरी मैलोन की अदालत में पहली सुनवाई में नीरव मोदी की जमानत याचिका खारिज की जा चुकी है. नीरव मोदी को स्कॉटलैंड यार्ड ने मध्य लंदन की एक बैंक शाखा से गिरफ्तार किया था. वह वहां नया खाता खुलवाने गया था.
भारतीय प्राधिकरण का पक्ष रख रहे क्राउन प्रोसेक्यूशन सर्विस ने पहली सुनवाई के दौरान कहा था कि नीरव मोदी करीब दो अरब डॉलर के मनी लॉड्रिंग एवं धोखाधड़ी के मामले में वांछित है. शुक्रवार की सुनवाई में क्राउन प्रोसेक्यूशन सर्विस का सहयोग सीबीआई और प्रत्यर्पण निदेशालय की एक टीम करेगी.
नीरव मोदी के वकीलों ने पहली सुनवाई में जमानत के लिये पांच लाख पाउंड की पेशकश की थी और कड़ी से कड़ी शर्तों को मानने पर सहमति व्यक्त की थी. ऐसा माना जा रहा है कि शुक्रवार की सुनवाई में नीरव मोदी के वकील जमानत के लिये पेशकश की राशि को बढ़ा सकते हैं.