पनामा मामले में पहली बार जवाबदेही अदालत में पेश हुए नवाज शरीफ, 2 अक्टूबर को अदालत लगाएगी अभियोग

पनामा पेपर घोटाले में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो द्वारा अपने खिलाफ दायर भ्रष्टाचार के मुकदमों का सामना करने के लिए पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ आज यहां पहली बार जवाबदेही अदालत के समक्ष पेश हुए जिसके बाद अदालत ने इस मामले में 2 अक्तूबर को शरीफ पर अभियोग लगाने का फैसला किया। अदालत ने उनके बच्चों- हसन, हुसैन एवं मरियम और दामाद कैप्टन सफदर के खिलाफ भी नया गिरफ्तारी वारंट जारी किया और उन्हें जमानत के लिए दस-दस लाख रुपए का मुचलका जमा करने का निर्देश दिया। लंदन में इलाज करा रही अपनी बीमार पत्नी के पास से कल ही पाकिस्तान लौटे शरीफ आज सुबह न्यायिक परिसर स्थित अदालत में पहुंचे। संक्षिप्त सुनवाई के दौरान 67 वर्षीय शरीफ ने न्यायाधीश मुहम्मद बशीर को सूचित किया कि उनकी पत्नी की तबियत ठीक नहीं थी और उन्हें उनकी देखभाल करने की जरूरत है। इसके बाद उन्हें अदालत से जाने की इजाजत दे दी गई।

इसके बाद अदालत को 10 मिनट के लिए स्थगित किया गया। बाद में सामान्य कार्यवाही फिर शुरू की गई। बाद में शरीफ ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह जवाबदेही अदालत में पेश हुए और घोषित किया कि ‘‘मैं पाक साफ हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं मानता हूं कि अल्लाह और पाकिस्तान के लोग मेरे साथ हैं और मुझे उम्मीद है कि कहीं ना कहीं इंसाफ अभी जिंदा है।’’ पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘पूरे देश, लोगों तथा आने वाली पीढ़ियों को सजा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की राह पर अग्रसर पाकिस्तान का मजाक बनाया गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस देश को संविधान के अनुरूप आगे बढ़ने देने की अपील करता हूं। अगर संविधान लोगों को शासन का अधिकार देता है तो उन्हें उसका इस्तेमाल करने दें।’’

मालूम हो कि शरीफ की पेशी महज एक औपचारिकता थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आरोपी मुकदमे का सामना करने के लिए तैयार है। शरीफ करीब 10 मिनट तक अदालत में रहे। पूर्व प्रधानमंत्री के साथ उनके वकील ख्वाजा हारिस भी मौजूद थे जो भ्रष्टाचार के मामलों में वकील के तौर पर उनका प्रतिनिधित्व करेंगे। मामले में सुनवाई की अगली तारीख अभी तय नहीं की गई है। शरीफ परिवार के खिलाफ इस्लामाबाद में जवाबदेही अदालत में भ्रष्टाचार के मामलों में सुनवाई चल रही है। अदालत ने पिछले हफ्ते शरीफ, उनकी बेटी मरियम और दामाद कैप्टन (सेवानिवृत्त) सफदर को 26 सितंबर को उसके समक्ष पेश होने के लिए कहा था। शरीफ परिवार मामले में सुनवाई की अवहेलना करते हुए 19 सितंबर को अदालत में सुनवाई के लिए पेश नहीं हुआ था।

मामले में सुनवाई जब फिर से शुरू हुई तब न्यायाधीश ने मरियम, हुसैन, हसन और शरीफ के दामाद सफदर के बारे में पूछा जिन्हें आज पेश होने का आदेश दिया गया था। शरीफ के वकील हारिस ने कहा कि वे अपनी बीमार मां की देखभाल के लिए लंदन में हैं लेकिन अदालत ने उनकी दलील खारिज कर दी और 2 अक्तूबर को उन्हें अदालत के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया। अदालत ने मरियम, हुसैन, हसन और सफदर के खिलाफ नए जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किए।

राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो की कानूनी टीम ने अदालत से गृह मंत्रालय को यह आदेश देने का अनुरोध किया है कि शरीफ का नाम एक्जिट कंट्रोल लिस्ट में डाला जाए। हैरिस ने अदालत से कहा कि शरीफ के लिए लंदन में अपनी पत्नी का ध्यान रखना जरूरी है और उन्हें निजी पेशी से छूट दी जाए। अदालत ने इसे यह कहकर खारिज कर दिया कि उन्हें पहले अभियोग के दिन अदालत में पेश होना चाहिए और व्यक्तिगत पेशी से छूट के मामले पर फैसला बाद में होगा। शरीफ के कानूनी सहायक बैरिस्टर जफरुल्लाह खान ने मीडिया को बताया कि अदालत को अभियोग लगाने के लिए और वक्त देना चाहिए था।

उन्होंने कहा, ‘‘जब तक सभी आरोपी अदालत में पेश नहीं हो जाते तब तक अदालत अभियोग नहीं लगा सकती। हमें मामले को तैयार करने के लिये और वक्त दिया जाना चाहिए था।’’ उन्होंने कहा कि अगली सुनवाई की अवधि के दौरान अगर सबकुछ ठीक रहा और उनकी पत्नी का स्वास्थ्य स्थिर रहा तो शरीफ अगली सुनवाई पर अदालत में पेश होंगे। स्वतंत्र विधि विशेषज्ञ शेहजाद अकबर ने कहा कि अगर किसी आरोपी के सहयोगी उपलब्ध नहीं होते या अदालत के समक्ष पेशी से इनकार करते हैं तो अदालत अभियोग को टालने के लिए बाध्य नहीं है।

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