हिज्बुल की कमान संभालने घाटी में घुस रहा था आतंकी अब्दुल कयूम, सेना ने किया ढेर, सिर पर था 10 लाख
सुरक्षाबलों ने मंगलवार को हिज्बुल मुजाहिद्दीन के कमांडर अब्दुल कयूम नजर को एक मुठभेड़ में मार गिराया। मुठभेड़ उस वक्त हुई जब वह हिज्बुल मुजाहिद्दीन की कमाल संभालने के लिए वापस घाटी में घुसने की कोशिश कर रहा था। जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक उसके सिर पर 10 लाख रुपए का इनाम घोषित था। नजर 50 से ज्यादा हत्याओं में शामिल था, ऐसे में यह सुरक्षाबलों के लिए बड़ी सफलता है। बारामूला के एसएसपी इम्तियाज हुसैन ने बताया, ‘वह कश्मीर में हिज्बुल मुजाहिद्दीन की कमाल संभालने के लिए वापस आ रहा था क्योंकि सुरक्षाबलों ने उनके कमांडरों को ढेर कर दिया है।’ बता दें, सुरक्षाबलों ने नॉर्थ कश्मीर में हिज्बुल मुहाजिद्दीन के कमांडो जावीद और दक्षिण कश्मीर में ऑपरेशन चीफ यासिन याट्टू को मार गिराया है।
अधिकारी का कहना है कि हिज्बुल मुजाहिद्दीन के शीर्ष नेताओं ने उसे साल 2015 में उस वक्त वापस पीओके बुला लिया, जब उन्हें लगा कि नजर आतंकी संगठन को संभाल नहीं पा रहा है। नजर ने कई वर्षों तक पुलिस और सेना की आंखों में धूल झौंकी। पुलिस के पास उसकी कोई तस्वीर नहीं थी। पुलिस ने उसकी सूचना देकर गिरफ्तार कराने पर 10 लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। नजर उस वक्त चर्चा में आया था, जब उसने सोपोर में मोबाइल टावर पर हमला किया था, जिसमें छह नागरिकों की मौत हो गई थी। हालांकि, हिज्बुल मुजाहिद्दीन इन हमलों के लिए भारतीय एजेंसियों पर आरोप लगाता रहा है। वहीं पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह हमला नजर और उसके साथियों ने किया था।
एक पुलिस अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बताया कि यूनाइटेड जिहाद काउंसिल के प्रमुख सलाहुद्दीन के निर्देश पर हिज्बुल मुजाहिद्दीन की कमान संभालने के लिए नजर को कश्मीर भेजा गया था।
सोपोर शहर में रहने वाले नजर ने 16 साल की उम्र में ही आतंक की राह पकड़ ली थी। साल 1992 में उसे गिरफ्तार किया गया और बाद में उसे रिहा कर दिया गया। उसके बाद उसने 1995 में दोबारा से आतंक की राह पकड़ ली थी। अधिकारियों का कहना है कि वह अपना हूलिया बदलता रहता था, जिसकी वजह से पुलिस और सुरक्षाबल उसे पकड़ पाने में अब तक नाकाम रहे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक वह नकली बाल लगाता था, जिसकी वजह से उसे कोई पहचान नहीं पाता था। उसे पकड़ने वाले ऑपरेशन में शामिल एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि वह किसी पर भी विश्वास नहीं करता था।