भारत ने अमेरिका का प्रस्ताव ठुकराया, कहा- भारतीय सैनिक नहीं भेजे जाएंगे अफगानिस्तान

भारत सरकार ने अफगानिस्तान में अपने सैनिक भेजने से मना कर दिया है। भारत ने अमेरिका का यह प्रस्ताव ठुकरा दिया कि वहां लड़ रही अमेरिकी फौज के साथ भारतीय जवानों को भी तैनात किया जाए और आतंकवादियों से लड़ाई में वे साथ दें। भारत ने कहा कि युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण और विकास कार्यों में मदद जारी रहेगी। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद कहा कि दोनों देशों ने अपने रक्षा संबंधों को और मजबूत करने के तौर तरीकों के साथ ही पाकिस्तान पोषित आतंकवाद और अफगानिस्तान से जुड़े अहम मुद्दों पर भी चर्चा की।
सीतारमण ने कहा कि दोनों देश द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाएंगे और मिलकर अफगानिस्तान की मदद करेंगे। शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक, स्थिर और समृद्ध अफगानिस्तान – दोनों ही देशों का साझा उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि भारत ने वहां बांध और अस्पताल बनवाए हैं।

सड़कें और इमारतें बनवाई हैं। भारत की ओर से संघर्ष प्रभावित देश के विकास में मदद जारी रहेगी। द्विपक्षीय वार्ता के बाद मैट्टिस के साथ मिलकर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए सीतारमण ने कहा, ‘हमारे पड़ोस की स्थिति और सीमा-पार आतंकवाद के बढ़ते खतरे पर विस्तार से चर्चा हुई। इस मुद्दे पर दोनों देशों के रुख में समानता बढ़ रही है।’ ट्रंप प्रशासन की नई नीति के तहत अमेरिका चाहता है कि भारत की भागीदारी अफगानिस्तान के संदर्भ में और बढ़े। अमेरिका की कोशिश वहां सैन्य भागीदारी बढ़ाने के लिए भी है, जिस पर भारत ने मना कर दिया है। बातचीत के दौरान मैट्टिस ने कहा कि हम युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान में भारत के अमूल्य योगदान का और इस देश के लोकतंत्र, स्थिरता व सुरक्षा को बढ़ावा देने के और अधिक प्रयासों का स्वागत करते हैं।

 

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